ग्वालियर। अमूमन किसी आरोप में गिरफ्तारी के बाद शादियां टूट जातीं हैं लेकिन व्यापमं घोटाले में गिरफ्तार एक युवक की शादी बरकरार है। गिरफ्तारी से पहले तय हो चुकी शादी की तारीख 21 अप्रैल को ही परिजन शादी करना चाहते हैं और इसके लिए कोर्ट से अंतरिम जमानत की गुहार लगाई गई है। कहा गया है कि 2 महीने बाद दूल्हा फिर जेल में लौट आएगा। मंगेतर ने शपथपत्र देकर कहा है कि उसे इस शादी से कोई एतराज नहीं है, जबकि उसे मालूम है कि उसका होने वाला पति जेल में है।
शपथ पत्र में बताया है कि हरिनारायण पर केस दर्ज है, इसकी मुझे जानकारी है। फिर भी मैं शादी करना चाहती हूं। यह शपथ पत्र किसी के दबाव में नहीं दिया है।
हाईकोर्ट ने याचिका की सुनवाई के बाद शासकीय अधिवक्ता प्रबल प्रताप सिंह सोलंकी को निर्देशित किया कि शपथ पत्र की सत्यता की जांच करें और इन्वेस्टीगेशन ऑफीसर (आईओ) 17 अप्रैल की सुनवाई में मौजूद रहें।
हमीरपुर, उत्तरप्रदेश निवासी हरिनारायण राजपूत ने वर्ष 2009 में फर्जी तरीके से छात्रों को पीएमटी पास कराई थी। पीएमटी में दलाली के बदले उसने मोटी रकम भी ली। पुलिस ने इस फर्जीवाड़े में उसे आरोपी बनाया है और वह सेंट्रल जेल ग्वालियर में बंद है।
याचिका में बताया कि हरिनारायण का विवाह झांसी निवासी रमा के साथ तय हुआ है। 19 अप्रैल को तेल व अन्य कार्यक्रम हैं। 20 अप्रैल को मंडप व प्रीतिभोज का कार्यक्रम है। 21 अप्रैल को झांसी बारात लेकर जाना है और 22 अप्रैल को वधु का आगमन है। आवेदन के साथ शादी का कार्ड संलग्न है। खुद के विवाह के लिए उसे अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाए।
विवाह के लिए उसने दो महीने की अंतरिम जमानत मांगी है। कोर्ट ने उस युवती का शपथ पत्र मांगा था, जिसकी हरिनारायण से शादी तय हुई है। युवती ने अपना शपथ पत्र पेश कर दिया है। साथ में युवती के पिता का भी शपथ पत्र आया है।
हाईकोर्ट ने इस याचिका की सुनवाई 17 अप्रैल को निर्धारित की है। साथ ही शासकीय अधिवक्ता प्रबल प्रताप सिंह सोलंकी को निर्देशित किया है कि वे शपथ पत्र की जांच करवाकर जांच अधिकारी के साथ कोर्ट में उपस्थित रहें।
एक आरोपी की जमानत खारिज
हाईकोर्ट ने पीएमटी कांड के आरोपी अरुण कुमार की जमानत याचिका खारिज कर दी है। अरुण कुमार ने वर्ष 2010 में राजीव जाटव से दो लाख रुपए लेकर उसका पीएमटी में फर्जी तरीके से एडमिशन कराया था। कोर्ट ने उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी।
