मंदसौर। ये मामला रिश्वतखोरी से ज्यादा रिश्वत के बाद बेशर्मी का है। एक महिला अधिकारी को लोकायुक्त पुलिस ने 50 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों गिरफ्तार किया परंतु महिला अधिकारी को कतई अपराधबोध नहीं था। उसका कहना है कि यह मेरे खिलाफ षडयंत्र है जबकि लोकायुक्त पुलिस के पास वाइस रिकार्डिंग है ।
दोपहर 1.30 बजे महिला बाल विकास अधिकारी अंशुबाला मसीह को लोकायुक्त टीम ने 50 हजार रुपए रिश्वत के साथ गिरफ्तार किया। कार्रवाई सीतामऊ में संचालित दुर्गा स्वसहायता समूह की संचालिका राधा पति प्रभूलाल भंभोरिया की शिकायत पर हुई। लोकायुक्त इंस्पेक्टर बसंत श्रीवास्तव ने बताया 7 अप्रेल को फरियादी दुर्गा ने महिला बाल विकास अधिकारी मसीह द्वारा 50 हजार रुपए रिश्वत मांगने की शिकायत की। इसके बाद वाइस रिकाॅर्ड की गई।
मंगलवार को टीम मंदसौर पहुंची। यहां अधिकारी मसीह ने फरियादी राधा को घर पर रुपए देने बुलाया। जहां टीम ने रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया। मामले में महिला बाल विकास अधिकारी मसीह का कहना है कि उन्हें फंसाया गया है। उन्होंने समूह संचालिका को रुपए उधार दिए थे। जिसे वह वापस करने आई थी। टीम द्वारा कार्रवाई के दौरान महिला अधिकारी आराम से बैठी रही, ऐसा प्रतीत ही नहीं हुआ की उसके खिलाफ कोई कार्रवाई हो रही है। कैमरा देख मुंह को इधर-उधर घुमाती रही। फिर बाद में खुलकर बात की।
