भोपाल। सरकारी स्कूलों के निजीकरण के प्रस्ताव के खिलाफ गठित 'मप्र शिक्षक संघर्ष मोर्चा' के अध्यक्षीय मंडल ने काम शुरू कर दिया है। मंगलवार को मंडल के कार्यकर्ता भोपाल जिले के विभिन्न स्कूलों में पहुंचे और शिक्षकों को स्कूलों के निजीकरण से होने वाले नुकसान गिनाए। सदस्यों ने शिक्षकों को सरकार की इस मंशा के खिलाफ संयुक्त लड़ाई के लिए तैयार किया।
अभियान के तहत पुराने शहर के शिक्षकों को निजीकरण से अवगत कराने का जिम्मा मप्र शिक्षक कांग्रेस के प्रवक्ता आशुतोष पांडे, अध्यापक संघ के उपेन्द्र कौशल और सतीष शर्मा ने संभाला। ऐसे ही बैरसिया में कैलाश सक्सेना, भेल के स्कूलों में सुभाष शर्मा, सुभाष दीक्षित और अरुण विश्वकर्मा मोर्चा संभाले हैं। जबकि रातीबड़-नीलबड़ के स्कूलों का जिम्मा सुभाष सक्सेना, बैरागढ़ के स्कूलों का जिम्मा सुशील दुबे, टीटीनगर क्षेत्र के स्कूलों का जिम्मा अरविंद भूषण श्रीवास्तव, अरुण श्रीवास्तव आदि ने संभाल रखा है।
ये शिक्षक स्कूलों में जाकर अन्य शिक्षकों को स्कूलों के निजीकरण की जानकारी दे रहे हैं। साथ ही उन्हें इससे होने वाली समस्याओं के बारे में बता रहे हैं। मंडल के कार्यकर्ता स्कूलों में पंपलेट बांट रहे हैं। जिसमें शिक्षकों से संयुक्त रूप से संघर्ष करने का आव्हान किया गया है। ये अभियान राजधानी के साथ ही प्रदेश के दूसरे जिलों में भी शुरू किया जा रहा है। मंडल अभियान के बाद आंदोलन की रणनीति पर विचार करेगा।