भोपाल। संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के लिए जीएडी विभाग द्वारा बनाई गई नीति को लागू करने की मांग सहित 5 सूत्रीय मांगों का निराकरण करने के लिए संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ ने जीएडी मंत्री लाल सिंह आर्य को ज्ञापन सौंपा।
महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने राज्य मंत्री लाल सिंह आर्य को बताया कि मप्र विघुत नियामक आयोग के 18 संविदा कर्मचारी, म.प्र. विघुत वितरण कम्पनी इंदौर के 11 संविदा कर्मचारी, नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के 6 कर्मचारी, तथा म.प्र. योजना आर्थिक सांख्यिकी विभाग के 212 प्रांगणनों की सेवाए समाप्त कर दी गई हैं जबकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 4 मार्च 2015 को विधान सभा में आश्वासन दिया था कि संविदा कर्मचारियों की नौकरी सुरक्षित है। इनको बिना किसी उचित कारण के निकाला नहीं जायेगा।
वहीं दूसरी तरफ प्रदेष में सवा दो लाख संविदा कर्मचारी अधिकारी अनेक वर्षो से संविदा पर कार्य कर रहे हैं उनको नियमित करना तो दूर नियमित कर्मचारियों के समान वेतन भी नहीं दिया जा रहा है । जबकि काम नियमित कर्मचारियों से अधिक लिया जा रहा है।
वहीं 22 जून 2013 को जी.ए.डी. विभाग द्वारा संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के लिए एक नीति बना दी गई थी लेकिन राज्य सरकार ने उसको अभी तक लागू नहीं किया जिससे प्रदेष के सवा दो लाख संविदा कर्मचारियों में आक्रोष है । इसलिए जी.ए.डी. विभाग द्वारा बनाई गई नीति को शीध्र लागू किया जाए ।
संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ ने विस्तार से अपनी निम्न लिखित मांगों को जी.ए.डी. मंत्री को बताया -
(1) म.प्र. के सामान्य प्रषासन विभाग (जी.ए.डी.) द्वारा संविदा कर्मचारियों को नियमित किये जाने के लिए 22 जून 2013 को एक नीति तैयार की थी उस नीती को लागु की जाए ।
(2) म.प्र. सरकार लगातार नई सीधी भर्ती कर रही है । सरकार सीधी भर्ती बंद कर उन पदों पर सबसे पहले संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जाए । सीधी भर्ती में प्राथमिकता दी जाए । अनुभव के अंक दिये जायें । आयु सीमा में छुट प्रदान की जाए ।
(3) समान कार्य समान वेतन दिया जाए संविदा कर्मचारी, नियमित कर्मचारियों के समान कार्य करते हैं तो संविदा कर्मचारियों के समान ही गृह भाड़ा भत्ता, चिकित्सा प्रतिपूर्ति, चिकित्सा अवकाष, अनुकम्पा निुयक्ति, चिकित्सा अवकाष, एक्सग्रेसिया, वाहन भत्ता, समय - समय पर बढ़ने वाला मंहगाई भत्ता दिया जाए।
(4) संविदा कर्मचारी /अधिकारी की संविदा समाप्त करने के पूर्व उसको अपना पक्ष रखने का अवसर प्रदान किया जाना चाहिए । संविदा समाप्त करने से पूर्व उसकी विभागीय जांच की जाना चाहिए ।
(5) म.प्र. सरकार ने नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण, म.प्र. विघुत वितरण कम्पनी इंदौर के 11 इंजीनियर, म.प्र. योजना आर्थिक सांख्यिकी विभाग के 212 संविदा कर्मचारी, राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिषन के 400 कर्मचारी , मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के 150 तकनीकी सहायकों, जबलपुर मनरेगा की परियोजना अधिकारी की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं । इन संविदा कर्मचारियों को पुनः बहाल किया जाए।
महासंघ के प्रतिनिधि मण्डल से सामान्य प्रषासन राज्य मंत्री लाल सिंह आर्य ने कहा कि संविदा कर्मचारियों के प्रति मुख्यमंत्री षिवराज सिंह चैहान जी की भी सहानुभूति है । और शीध्र ही आपकी न्यायोचित मांगों का निराकरण किया जायेगा ।
प्रतिनिधि मण्डल में म.प्र. संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंध के प्रदेष अध्यक्ष रमेष राठौर, उपाध्यक्ष अनिल सिंह ठाकुर, अवध कुमार गर्ग, सी.पी. तिवारी, अर्जन, राजीव पाण्डे आदि उपस्थित थे ।
स्ंविदा हैडपंप टैक्निषियनों की मांगों का निराकरण करे सरकार
विगत 6 दिनों से राजधानी भोपाल में प्रदेष के एक हजार संविदा हैडपंप टैक्निषियन अपनी तीन सूत्रीय मांगों के लेकर हड़ताल पर हैं । हड़ताल पर बैठे 5 ंसविदा कर्मचारियों की आज तबीयत भी बिगड़ गई है । म.प्र. संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेष अध्यक्ष रमेष राठौर ने मुख्यमंत्री जी से मांग की है कि संविदा हैडपंप टैकिनिषियनों को नियमित कर्मचारियों के समान वेतन देकर उनको नियमित किया जाए ।
रमेष राठौर
प्रदेष अध्यक्ष