जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य के भोपाल, इंदौर, ग्वालियर व जबलपुर जैसे चार बड़े शहरों को अवैध होर्डिंग से पूरी तरह मुक्त करने सख्त निर्देश जारी किए। इसके साथ ही मामले की अगली सुनवाई 16 अप्रैल को निर्धारित कर दी गई। इस बीच नगर निगम को अपनी कार्रवाई जारी रखते हुए रिपोर्ट प्रस्तुत करने कहा गया है। जबकि होर्डिंग एजेंसी एसएस एडवरटाइजर की अर्जी का पूर्व में मिले स्टे को खत्म करते हुए निपटारा कर दिया गया।
बुधवार को मुख्य न्यायाधीश अजय माणिकराव खानविलकर व जस्टिस रोहित आर्या की डिवीजन बेंच में मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान जनहित याचिकाकर्ता जबलपुर निवासी अधिवक्ता सतीश वर्मा ने अपना पक्ष स्वयं रखा।
प्रमुख सचिव ने किया शिकायत का निपटारा
उन्होंने बताया कि प्रमुख सचिव ने हाईकोर्ट के निर्देश का पालन करते हुए उनकी शिकायत का निपटारा कर दिया है। इसके साथ ही यह स्पष्ट हो गया है कि जबलपुर सहित अन्य शहरों के होर्डिंग प्रभारियों ने मनमाने तरीके से होर्डिंग समिति गठित किए बिना और टाउन प्लानर से अनुमति लिए बिना अवैध होर्डिंग लगाने की अनुमतियां जारी कर दीं। इस वजह से यातायात बाधित होने और दुर्घटनाओं की आशंका जैसी प्रतिकूल स्थिति निर्मित हो गई। लिहाजा, इन तथ्यों की रोशनी में दोषियों पर अविलंब ठोस कार्रवाई सुनिश्चित होनी चाहिए।