इंदौर। नगर निगम सभापति अजयसिंह नरूका ने बुधवार को पीली बत्ती लगा शासकीय वाहन निगम को जमा कर दिया। महापौर की मौजूदगी में चाबी अफसरों को सौंपी। नियम में प्रावधान नहीं होने के बावजूद अफसरों ने उन्हें सरकारी वाहन दे दिया था। अब वे साइकिल से निगम आया करेंगे।
वाहन जमा कराने का सबब पूछा गया तो बोले- 2014 के पहले नियम में निगम अध्यक्ष को वाहन की पात्रता थी। इस साल ऐसा प्रावधान नहीं है। वाहन रखना उचित नहीं था। शहर की सीमा 267 किमी हो गई है। निरीक्षण के लिए वाहन की सुविधा देना चाहिए। भविष्य में यदि नियम बदला तो वे वाहन लेंगे। शाम 4 बजे वे कुछ समर्थकों के साथ साइकिल पर निगम मुख्यालय पहुंचे।
पीठ पर एक झोला टांग रखा था। ड्राइवर सरकारी गाड़ी पार्किंग में खड़ी कर दी। मेयर मालिनी गौड़ ने पूछा कि गाड़ी क्यों जमा कर रहे हो। नरूका बोले- नियम में नहीं था, इसलिए लौटा रहा हूं। उनसे चाबी लेने से पहले अपर आयुक्त सुरेंद्र कथुरिया ने मेयर से पूछा- मैडम, चाबी ले सकते हैं न। गौड़ ने मुस्कराकर हामी भरी।
साइकिल चलाऊंगा
नरूका ने कहा कि प्रधानमंत्री ने एक दिन साइकिल चलाने का आह्वान किया है। मेरी कोशिश रहेगी कि सप्ताह में एक बार साइकिल से निगम आऊंगा। इससे दूसरों को भी प्रेरणा मिलेगी।
MIC सदस्यों को भी अधिकार नहीं
सरकारी वाहनों को लेने का अधिकार महापौर परिषद सदस्यों को भी नहीं है लेकिन ज्यादातर सदस्यों ने वाहन लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। मेयर ने कहा कि काम नियमानुसार होगा। एमआईसी सदस्यों की वाहन पात्रता के बारे में जानकारी लूंगी।