अतिथि शिक्षक: हमें उग्र आंदोलन के लिए विवश कर रही है सरकार

Kailash Vishwakarma। मप्र अतिथि शिक्षक संघ के तत्वाधान में भोपाल में धरना चल रहा है किन्तु उनकी जायज मांगो को सरकार ने अनसुनी कर दिया और आन्दोलन स्थल तक कोई नहीं आया, क्योकि सरकार अतिथि शिक्षकों की जायज मांगो को मानना नहीं चाहती। हमारी सिर्फ " 1 मांग सभी अतिथि शिक्षक कों नियमित किया जाये" अब होगा विशाल धरना।

सरकार योग्य अनुभवी ईमानदार अतिथि शिक्षकों को 15 अप्रैल से सेवा से बाहर न करे इससे सम्पूर्ण शिक्षक जाति का अपमान हो रहा है। सरकार को इन अथिति शिक्षकों ने ऐसे वक्त मेँ सहारा दिया जब मप्र के स्कूलो मेँ शिक्षको की भारी कमी थी। पूरी पढ़ाई व्यवस्था शिक्षकों की कमी के कारण चौपट थी तब सरकार ने प्रदेश के इन शिक्षित योग्य बेरोजगारों को अतिथि शिक्षकों के रुप मेँ स्कूलों मेँ पढ़ाने के लिए आंमत्रित किया और इन्हे शिक्षको के समान सम्मान दिया।

स्कूल के बच्चो का इनसे गुरु शिष्य का रिश्ता बनाया इनको मानदेय दैनिक मजदूरोँ की भाँति प्रतिदिन के हिसाब से दिया जाता है लेकिन इन्होने गरीबी बेरोजगारी और अपनी परिवारिक समस्याऔ के कारण मजबूरी मेँ यह अथिति शिक्षक का पद स्वीकार किया लेकिन अब सरकार इन्हे चार 7 वर्ष की सेवा के बाद इन्हे निकाल बाहर कर रही है इन गरीबो का परिवार महिनो रोता है स्कूल के बच्चे अपने प्रिय शिक्षक को खो कर भारी दुखी होते है।

इस व्यवस्था से सम्पूर्ण शिक्षक जाति का अपमान हो रहा है ऐसा हाल कभी शिक्षाकर्मियो का भी नही किया गया था जैसा अन्याय अपमान सरकार इन अथिति शिक्षको के साथ कर रही है सरकार से इनकी माँग है कि सरकार हमारी योग्यता की जैसी परीक्षा लेने चाहे ले ले और हमेँ भी अनुदेशको की भाँति अनुभव और योग्यता के अनुसार अध्यापक बनने का अवसर प्रदान करे लेकिन आज तक इनकी जायज माँगोँ को सरकार ने नही मानी अतिथि शिक्षक संघ इन माँगो को अब पूरी ताकत से उठायेगी ।
अतिथि शिक्षक एकता जिन्दाबाद

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