कांग्रेस हाईकमान का फोकस मप्र पर

नई दिल्ली। किसान रैली से कार्यकर्ताओं में उभरे जोश को भुनाने के लिए कांग्रेस अब राज्यों तक भूमि अधिग्रहण विधेयक के खिलाफ आंदोलन खड़ा करेगी। इसके लिए मध्यप्रदेश समेत अन्य भाजपा शासित राज्यों की कांग्रेस इकाईयों को तैयारी के संकेत दिए गए हैं। इस तारतम्य में आगामी मई या जून माह में मप्र में भी किसानों की बड़ी रैली-सभा हो सकती है।

पार्टी सूत्रों का कहना है कि पिछले महीने मप्र में हाइकमान के निर्देश पर शुरू हुआ गांव चलो अभियान पार्टी की इसी तैयारी का हिस्सा रहा है। लैंड बिल के खिलाफ हर राज्य में आंदोलन की रणनीति बनाने में कांग्रेस काफी समय से जुटी है। मप्र में भी मोदी सरकार के इस विधेयक के प्रावधानों के संभावित दुष्प्रभावों से किसानों को अवगत कराने पर पार्टी का खास जोर रहा है।

प्रभारी महासचिव मोहनप्रकाश मप्र के नेताओं को बुलाकर लगातार इसकी रूपरेखा समझा रहे हैं। उनका साफ कहना है कि किसानों तक सरल भाषा में इस प्रस्तावित कानून के दुष्प्रभावों को पहुंचाया जाए। वहीं ओलावृष्टि व बेमौसम बरसात से नुकसान और राज्य सरकार के राहत कार्यों को मुद्दा बनाकर कांग्रेस किसानों को संगठित करने की कवायद में जुटेगी।

रैली में नहीं थे मप्र के कार्यकर्ता
रविवार को कांग्रेस की किसान रैली में अन्य राज्यों के मुकाबले मप्र के कार्यकर्ताओं-किसानों की उपस्थिति प्रभावी नहीं नजर आई। अलबत्ता मंच से सभा का संचालन दिग्विजय सिंह के हाथ रहा। मंच के समीप ज्योतिरादित्य सिंधिया व अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे। कार्यकर्ताओं में चंबल-ग्वालियर और भोपाल संभाग के लोग अधिक थे। विधायक दल के नेता सत्यदेव कटारे ने कहा कि रैली में मप्र की भारी मौजूदगी रही, इसकी कामयाबी का असर मप्र तक जाएगा और जल्द संभावित रैली-सभा के लिए उर्जा मिलेगी।

मप्र के नेताओं को सोनिया गांधी ने बुलाया
रविवार शाम मप्र के कांग्रेस नेताओं ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से उनके निवास दस जनपथ पर मुलाकात की। इसमें प्रदेशाध्यक्ष अरूण यादव,सत्यदेव कटारे के अलावा कई विधायक और अन्य पदाधिकारी मौजूद थे। बताया जाता है कि सोनिया गांधी ने इन नेताओं को लैंड बिल के खिलाफ लगातार आवाज उठाने की नसीहत दी है। इस मौके पर कांग्रेस सभी वरिष्ठ केंद्रीय नेता भी मौजूद थे।

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