शिवपुरी। मप्र सरकार में शिक्षा विभाग में लालफीताशाही इस कदर हावी है कि भोपाल मे बैठे अधिकारियों को ही नहीं मालूम कि आखिर हम चाहते क्या हैं और उनके इस कारनामें से विभाग की छवि धूमिल हो रहीं है।
सरकार द्वारा चाहे निजीकरण का मामला हो या फिर राज्यशिक्षा सेवा का गठन लगभग 2 वर्षो पूर्व अगस्त 2013 में गठन हेतु नोटिफिकेशन जारी कर जोर शोर से ढोल पीटा गया परन्तु वही ढाॅक के तीन पात सावित हुआ।
लोग दवी जुबान में अब तो यह कहने लगें है कि मौसम और शिक्षा विभाग का कोई भरोसा नहीं कि कब क्या हो जाये। धर्मेन्द्र जैन आमोल ने बताया कि एरिया ऐजेकूशन आफीसर की नियुक्ति हेतु वर्ष 2013 में परीक्षा ले कर 8 सितम्बर 2014 को माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के निर्णय उपरांत जनवरी 2015 में पूनः सभी उत्तीर्ण 19960 अभ्यर्थियों का वेरीफिकेशन तो करा लिया परन्तु तीन चार माह व्यतीत होने के पश्चात आज दिनांक तक ना तो रिजल्ट और ना ही चयन सूची जारी की गयी।
दो विभागों की आपसी खीचातानी एवं अधिकारियों के व्यक्तिगत अहम की वजह से राज्य शिक्षा सेवा मजाक वन कर रह गया है। शासन द्वारा अपनी 100 दिन की कार्ययोजना तथा रोज नित नये फरमान जारी तो किये जा रहे तो पर उनको असली जामा नहीं पहनाया जा रहा है। विभाग द्वारा 1 अप्रेल से संकुल व्यवस्था समाप्त कर सहायक संचालक द्वारा वेतन आहरण करने का आननफानन में आदेश जारी कर दिया परन्तु फिर उसी आदेश को बापिस लेना पडा।
बृजेन्द्र बैस, संजय दुवे, आनन्दयादव करैरा, संतोश गर्ग, रामकृष्ण रघुवंशी मजीदखान, मुकेश पाठक शिवपुरी, अंगदसिंह तोमर पोहरी, अनिलशर्मा नरवर, अतरसिंह जाटव विवकेगुप्ता पिछोर,, आदि सभी साथियों ने अपील की है कि शासन की वादा खिलाफी एवं अतिशीघ्र रिजल्ट घोषित कर नियुक्ति करवाने हेतु 17 अप्रैल को भोपाल में सभी वेरीफाइड ऐईओ द्वारा वोर्ड आफिस चौराहे पर रैली धरना प्रदर्शन कर डीपीआई को ज्ञापन दिया जावेगा। संगठन द्वारा शासन के खिलाफ माननीय उच्च न्यायालय जवलपुर में कन्टेम आॅफ कोर्ट फाइल कर दिया है। सभी वेरीफाइड ऐईओं अपने साथ अपना एक पासपोर्ट साइज का फोटो भी अवश्य लेकर चले।
