नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने आम आदमी पार्टी और उसके नेताओं पर राजस्थान के किसान गजेंद्र सिंह को खुदकुशी और इस किसान को बचाने के पुलिस के प्रयासों में सभी तरह की बाधाएं खड़ी करने का आरोप लगाया है। पुलिस ने दिल्ली सरकार की ओर से मजिस्ट्रेट जांच का आदेश दिए जाने को खारिज करते हुए कहा कि यह मामला उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है।
आप की ओर से पुलिस पर किसान को बचाने के लिए कुछ नहीं करने का आरोप लगाए जाने के बाद पुलिस ने प्राथमिकी में कहा कि पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने सहयोग नहीं किया है। प्राथमिकी में कहा गया है, यह पूर्ण रूप से एक ऐसी घटना है जहां आप के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने व्यक्ति को खुदकुशी के लिए उकसाया तथा उन्होंने पुलिस की ओर से किए गए आग्रह की ओर कोई ध्यान नहीं दिया। भारतीय दंड संहिता की धाराओं 306 (आत्महत्या के लिए उकसाने), 186 (सार्वजनिक कार्यक्रम में लोक सेवक के काम में बाधा डालना) और 34 (साझा इरादा) के तहत संसद मार्ग थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है।
आप की रैली में तैनात रहे पुलिस निरीक्षक एसस यादव की शिकायत पर दो पृष्ठों की प्राथमिकी दर्ज की गई है। इसमें कहा गया है कि दिन में करीब 12.50 बजे जब आप नेता भाषण दे रहे थे तो उन्होंने देखा कि कुछ लोग एक पेड़ की ओर देख रहे हैं और तालियां बजा रहे हैं जहां एक व्यक्ति झाड़ू लहरा रहा था। मैंने कंट्रोल रूम को सूचित किया कि तथा आप के कार्यकर्ताओं और दूसरे लोगों से कहा कि उसे उकसाए नहीं और नीचे उतारने में मदद करें। प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि मंच पर मौजूद नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पुलिस के साथ सहयोग नहीं किया।
किसान की आत्महत्या के मामले में दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को गृह मंत्री राजनाथ सिंह को एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपी और मामले की जांच कर रही अपराध शाखा की एक टीम राजस्थान में मृतक के गांव रवाना हुई है। उधर, इस आत्महत्या केस की जांच को लेकर दिल्ली पुलिस और दिल्ली की आप सरकार में ठन गई है। दिल्ली पुलिस ने किसान खुदकुशी केस में नई दिल्ली के जिला मजिस्ट्रेट को पत्र लिखकर कहा है कि वह जांच नहीं कर सकते। इस केस की जांच करने का अधिकार दिल्ली सरकार के अधीन नहीं है। बता दें कि किसान की मौत मामले की जांच दिल्ली पुलिस और दिल्ली सरकार के जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) दोनों कर रहे हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसकी जांच डीएम से कराने का आदेश दिया था।
वहीं, दिल्ली पुलिस ने इस मामले में दर्ज एफआईआर में कहा है कि आप कार्यकर्ताओं और नेताओं ने किसान गजेंद्र को आत्महत्या के लिए उकसाया। वहीं, फायर ब्रिगेड की गाडि़यों को मौका स्थल पर पहुंचने से रोका गया। दिल्ली पुलिस आयुक्त बीएस बस्सी ने उपराज्यपाल नजीब जंग के साथ आज सुबह सिंह से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा कि हमने कल की दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बारे में गृह मंत्रालय को एक रिपोर्ट सौंपी है।
आप का आरोप है कि 41 वर्षीय गजेंद्र सिंह जब पेड़ से लटककर खुदकुशी कर रहा था तो पुलिसकर्मी मूकदर्शक बनी हुई थी। इस पर बस्सी ने कहा कि मैं किसी आरोप पर प्रतिक्रिया नहीं दूंगा क्योंकि मामले की अभी जांच की जा रही है। जांच पूरी होने पर मैं आपको तथ्य बताउंगा। उन्होंने कहा कि हमने इस संबंध में भारतीय दंड संहिता की धाराओं 306 (आत्महत्या के लिए उकसाने), 186 (सार्वजनिक कार्यक्रम में लोक सेवक के काम में बाधा डालना) और 34 (साझा इरादा) के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की है और मामले में जो कुछ भी जरूरी होगा उसकी जांच की जाएगी।
मामले में जांच की जिम्मेदारी अपराध शाखा को सौंपी गई है। सिंह की पृष्ठभूमि के बारे में तफ्तीश करने और वह दिल्ली क्यों आए थे, इस संबंध में जानकारी जुटाने के लिए टीम राजस्थान के दौसा में नांगल झमरवाडा गांव भेजी गई है। जांचकर्ता उनके मोबाइल फोन रिकार्ड की भी जांच कर रहे हैं कि वह दिल्ली आने के बाद किसके संपर्क में थे। उन लोगों ने घटनास्थल का भी दौरा किया और उनको बचाने की कोशिश करने वाले लोगों से बातचीत करेंगे। जांच से जुड़े एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि हम पोस्टमार्टम रिपोर्ट की भी प्रतीक्षा कर रहे हैं कि फांसी पर लटकने से मौत हुई या 20-25 फुट ऊंचाई से गिरने से। घटनाक्रम के बारे में हम वीडियो की भी जांच करेंगे। जंतर मंतर पर कल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में रैली के दौरान राजस्थान के किसान ने आत्महत्या कर ली।