भोपाल। रंगबाजी के आरोपी पन्ना कलेक्टर आर के मिश्रा के खिलाफ गठित प्रशासनिक जांच कमेटी ने मिश्रा को यौनशोषण का दोषी पाया है एवं मुख्यसचिव को सौंपी रिपोर्ट में आईएएस आर के मिश्रा को चरित्रहीन करार देते हुए ब्लेलिस्टेड करने की भी सिफारिश की है। रिपोर्ट में आशंका व्यक्त की गई है कि यदि इस अधिकारी को फिर से कलेक्टर बनाया या मैदानी पदस्थापना दी गई तो अधीनस्थ महिला अधिकारियों की इज्जत खतरे में रहेगी।
मिश्रा पर केन्द्रीय विद्यालय पन्ना की प्राचार्य द्वारा यौन शोषण का प्रकरण दर्ज कराने के बाद मुख्य सचिव ने एसीएस श्रीमती शर्मा और महिला एवं बाल विकास आयुक्त कल्पना श्रीवास्तव के नेतृत्व में कमेटी गठित कर जांच के लिए पन्ना भेजा था।
सूत्रों के मुताबिक अपर मुख्य सचिव श्रीमती शर्मा कमेटी ने मुख्य सचिव को सौंपी 8 पेज की रिपोर्ट के साथ तत्कालीन कलेक्टर मिश्रा और प्राचार्या के मोबाइल कॉल्स, एसएमएस डिटेल्स के करीब 32 पेज भी संलग्न किए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि मिश्रा और प्राचार्या के बीच गहरे संबंध थे।
दोनों देर रात तक घंटों मोबाइल फोन पर बातें करते थे, इतना ही नहीं एक-दूसरे को जमकर एसएमएस करते थे। ऐसे में मिश्रा का यह कहना कि उनके प्राचार्या से संबंध नहीं है, गलत है। प्राचार्या ने अपने दो मोबाइल नंबर बताए हैं, जबकि उसके पास तीसरा मोबाइल नंबर भी है। इसी तरह मिश्रा के पास भी दो मोबाइल नंबर हैं। वह दूसरे मोबाइल से ही प्राचार्या से बातें करते थे।
कमिश्नर को भी किया था मैसेज
रिपोर्ट में कहा गया है कि महिला प्राचार्या किसी दवाब में आकर बार-बार बयान बदल रही है, जबकि उसने खुद ही सागर कमिश्नर को एसएमएस कर कलेक्टर द्वारा यौन शोषण करने की बात कही थी। उक्त एसएमएस कमिश्नर के मोबाइल में सुरक्षित है। पन्ना एसपी ने भी अपने बयान में बताया है कि प्राचार्या ने उन्हें फोन लगाकर कलेक्टर की शिकायत की थी। इतना ही नहीं कमिश्नर को दिया गया आवेदन में भी प्राचार्या की हैंड राइटिंग हैं, जिसे वह अब नकार रही है।
मुख्यमंत्री लेंगे फैसला
रिपोर्ट जल्द ही सीएम को सौंपा जाना है। मिश्रा पर कार्रवाई का फैसला मुख्यमंत्री ही लेंगे। हालांकि रिपोर्ट में मिश्रा को पूरी तरह अकेला दोषी नहीं ठहराया गया है। इसमें महिला की सहमति और संलिप्तता भी दर्शाई गई है। एक साल पहले ही राप्रसे से आईएएस में पदोन्न्त होने के बाद मिश्रा को पहली कलेक्टरी मिली थी।