जबलपुर। शिक्षक कैडर के व्यक्ति को जनपद पंचायत का सीईओ बनाये जाने को हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर चुनौती दी गयी है। चीफ जस्टिस एएम खानविलकर व जस्टिस आलोक अराधे की युगलपीठ ने मामले में मुख्य सचिव पंचायत व ग्रामीण विकास विभाग, कलेक्टर डिण्डौरी सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिये हैं।
युगलपीठ ने मामले की अगली सुनवाई 18 मार्च को नियत की है। यह मामला मनरेगा सहयोगी परिसर के अध्यक्ष किशोर दुआ की ओर से दायर किया गया है। जिसमें कहा गया है कि शासन के स्पष्ट आदेश है कि शिक्षक व पशु चिकित्सक कैडर के व्यक्तियों को जनपद पंचायत सीईओ का कार्यभार न सौंपा जाये। इसके बावजूद भगवानदास मूलचंदानी को जनपद पंचायत अनूपपुर के सीईओ का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है। जबकि वह शिक्षक कैडर के व्यक्ति है और उनके पास बीईओ तथा स्कूल के प्राचार्य कार्य भी हैं। आवेदक का कहना है कि शासन के नियमों की अनदेखी कर उन्हें सीईओं का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है,
जो कि अवैधानिक है। याचिका में राहत चाही गई कि जनपद पंचायत में स्थाई सीईओ की नियुक्ति की जाये। जिससे विकास कार्य सुचारू रूप से जारी रहे। याचिका की सुनवाई करते हुए युगलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने पैरवी की।