भोपाल। मप्र के प्राइवेट स्कूल टीचर्स की जांच शुरू हो गई है। आटीई की धारा 23 के तहत अयोग्य पाए जाने पर टीचर्स को नौकरी से निकाल दिया जाएगा। 31 मार्च से यह अभियान शुरू होगा एवं अगले सत्र में ऐसे टीचर्स नौकरी नहीं कर पाएंगे। याद दिला दें कि सीबीएसई स्कूल्स में पहले से ही योग्य टीचर्स का टोटा चल रहा है।
'निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 (आरटीई)' की धारा 23 में पहली से आठवीं तक पढ़ाने वाले शिक्षकों को D.El.ED या समकक्ष योग्यता पूरी करने का प्रावधान है। यह धारा सरकारी और प्राइवेट दोनों स्कूलों पर लागू होती है। इस नियम का पालन करने के लिए स्कूलों को पांच साल का समय दिया गया था। यह सीमा 31 मार्च को समाप्त हो रही है। जिसे देखते हुए राज्य शिक्षा केंद्र की आयुक्त रश्मि अरुण शमी ने डीईओ से प्राइवेट स्कूलों के शिक्षकों की पूरी जानकारी मांगी है। उनसे पूछा गया है कि D.El.ED, B.ed या समकक्ष योग्यताधारी और न्यूनतम योग्यता पूरी नहीं करने वाले स्कूलों में कितने शिक्षक हैं। यह जानकारी 25 मार्च तक अनिवार्य रूप मांगी गई है।