वास्तु शास्त्र के अनुसार यदि ऑफिस में वास्तु दोष हो तो उसका असर कर्मचारी व अधिकारी के व्यवहार व सेहत पर भी पड़ सकता है। वास्तु दोष का असर कंपनी की ग्रोथ पर भी हो सकता है। ऑफिस के वास्तु दोषों को नीचे लिखे उपायों से दूर किया जा सकता है-
1- ऑफिस के मुख्य प्रभारी (मैनेजर) का रूम सबसे पहले नहीं होना चाहिए। ऑफिस में प्रवेश करते ही किसी ऐसे सहायक का रूम हो जो हर आने-जाने वाले की जानकारी उपलब्ध करवा सके।
2- ऑफिस में किसी भी कमरे के दरवाजे के ठीक सामने टेबल नहीं होना चाहिए। दरवाजे की सीध में किसी कर्मचारी को न बैठाएं।
3- ऑफिस में हरे या गहरे रंग का प्रयोग नहीं करना चाहिए। इसके स्थान पर सफेद, क्रीम या पीला जैसे हल्के रंग का उपयोग करें।
4- ऑफिस में पानी की व्यवस्था ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) में करनी चाहिए। ईशान में पानी तब ही शुभ होगा, जब उसका संबंध जमीन से हो। यदि जमीन से ऊंचे स्थान पर पानी रखना हो तो अपनी सुविधानुसार किसी भी स्थान पर रख सकते हैं।
5- कैशियर को ऐसे स्थान पर नहीं बैठाना चाहिए, जहां से उसे कार्य करते हुए अधिकाधिक कर्मचारी देखें। कुबेर का वास उत्तर दिशा में माना गया है। इसलिए जहां तक संभव हो कैशियर को उत्तर दिशा में ही बैठाएं।
6- कम्प्यूटर, कंट्रोल पैनल, विद्युत उपकरण आदि ऑफिस के आग्नेय कोण (दक्षिण-पूर्व) में ही लगाए जाने चाहिए।
7- यदि ऑफिस में वेटिंग रूम बनवाएं तो इसके लिए वायव्य कोण (पश्चिम-उत्तर) सबसे उपयुक्त रहेगा। कॉन्फ्रेंस व मीटिंग हॉल के लिए भी वायव्य कोण में अच्छा माना गया है।
8- एक टेबल पर एक से अधिक कर्मचारियों को नहीं बैठाना चाहिए। इससे काम प्रभावित होता है।
9- ऑफिस में बड़े अधिकारियों को दक्षिण में व छोटे अधिकारियों को पश्चिम में बैठाना चाहिए।
10- ऑफिस में किसी भी कर्मचारी की पीठ मेनगेट की तरफ नहीं होनी चाहिए।