राकेश दुबे@प्रतिदिन। देश की सबसे पुरानी पार्टी में राहुल बाबा कि चल गई है| पार्टी ने कई राज्यों के अध्यक्षों को बदल दिया है और कुछ और जल्दी बदलने वाले हैं, इनमे मध्यप्रदेश के प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव भी हैं| लोकसभा चुनाव और अन्य चुनावों में हार के बाद से ही पार्टी के भीतर इन बदलावों को लेकर सुगबुगाहट तेज हो चली थी। इस बड़े बदलाव में पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी के पसंद की छाप और उनकी नाराजी साफतौर पर देखी जा सकती है।
जैसे दिल्ली में लवली का हटाया जाना और अजय माकन को अध्यक्ष बनाया जाना| दिल्ली चुनाव में लवली के न उतरने से ही इस बात के कयास तेज हो चले थे। वहीं, महाराष्ट्र में माणिकराव ठाकरे को हटाकर अशोक चव्हाण को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। यह पुरुस्कार नांदेड सीट को बचाने के बदले में मिला है| मुम्बई कांग्रेस की कमान संजय निरुपम को सौपी गई है|
जम्मू-कश्मीर में सत्ता से बाहर हुई कांग्रेस में बदलाव किया है। सैफुद्दीन सोज़ कि जगह गुलाम मीर को कमान सौंपी गई है| तेलंगाना में पार्टी ने उत्तम रेड्डी को नेतृत्व की जिम्मेदारी सौंपी है।लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद से रूठती जा रही चुनावी किस्मत का सामना कर रही कांग्रेस ने कई राज्य इकाइयों में नेतृत्व परिवर्तन कि मांग उठी थी| इसी के तहत पूर्व केंद्रीय मंत्री भारत सिंह सोलंकी ने गुजरात में अर्जुन मोधवाडिया का स्थान लिया है। पंजाब में पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के करीबी सहयोगी लाल सिंह को मौजूदा प्रमुख प्रताप सिंह बाजवा का स्थान दिया गया है। लाल सिंह अमरिंदर की पसंद हैं।
मध्य प्रदेश के सन्दर्भ में भी जल्दी ही निर्णय होना है| अत्याधिक गुट बजी के चलते यह फैसला कुछ दिन टल सकता है, लेकिन अरुण यादव के हटने और ज्योतिरादित्य सिंधिया को कमान सौपने की बात हो रही है|
लेखक श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।
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rakeshdubeyrsa@gmail.com
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