गर्भवती पत्नि से संबंध: पूरे परिवार के खिलाफ मामला दर्ज

इंदौर। मानसिक रूप से विक्षिप्त बच्ची को 'कचरा' बोलने वाले पूरे परिवार पर सोमवार को जिला कोर्ट ने घरेलू हिंसा का प्रकरण दर्ज किया है। महिला एवं बाल विकास अधिकारी की जांच रिपोर्ट को आधार मानते हुए कोर्ट ने पाया कि जब पत्नी गर्भवती थी तब पति ने उससे जबरन शारीरिक संबंध बनाए थे, जिसका नतीजा यह रहा कि बच्ची मानसिक रूप से विक्षिप्त जन्मी। अब उसका भरण-पोषण करने के बजाय बच्ची व पत्नी के साथ क्रूर व्यवहार किया जा रहा है। कोर्ट ने ससुराल पक्ष को 10 अप्रैल तक हाजिर होने के आदेश दिए हैं।

जिला कोर्ट की न्यायाधीश रेखा आर. चंद्रवंशी के सामने स्कीम-71 की रहने वाली दीपिका रघुवंशी अपनी 3 साल की बेटी को लेकर पहुंची। उसके वकील कृष्णकुमार कुन्हारे व काशू महंत ने कहा कि 2011 में उसकी शादी महाराष्ट्र के नंदूरबार जिले के परदेशीपुरा में रहने वाले भरत रघुवंशी के साथ हुई थी। शादी के कुछ दिनों बाद पति उसे जबरन शराब पिलाने लगा। बाद में क्रूरतापूर्वक शारीरिक संबंध बनाता। जब पीड़िता का चौथा महीना चल रहा था तब भी उसने भूखा रखा, शारीरिक संबंध बनाए और बेरहमी से पीटा। नवंबर 2011 में मानसिक रूप से विक्षिप्त बेटी ने जन्म लिया।

इसके बाद ससुराल वाले ताने मारने लगे कि उसने वंश नहीं, कचरा पैदा किया है। परेशान होकर पीड़िता बच्ची को लेकर इंदौर आ गई, बाद में समझौता करके साथ ले गए। वहां बेटी को साथ रखने की शर्त पर 10 लाख रुपए दहेज मांगने लगे। पीड़िता और बच्ची की ओर से भरण-पोषण का परिवाद दायर किया गया।

इन आरोपों की पुष्टि : जहर देकर मारना चाहते थे
पीड़िता ने जो आरोप लगाए थे उस पर कोर्ट ने महिला एवं बाल विकास अधिकारी को जांच सौंपी।
रिपोर्ट में कहा गया कि बेरहमी से शारीरिक संबंध बनाने के कारण गर्भ पर असर हुआ।
बच्ची कमजोर थी क्योंकि गर्भवती को ठीक ढंग से खाना-पीना नहीं दिया गया।
बच्ची के खाने-खर्चे के उद्देश्य से पीड़िता के ससुराल वालों ने रुपयों की मांग की थी।
पीड़िता और बच्ची को जहर देकर मारने की साजिश रची जा रही थी, जिसके कारण पीड़िता दोबारा इंदौर चली गई।

SP से लेकर PM तक किसी ने नहीं सुनी थी फरियाद
वकील कुन्हारे के मुताबिक 2013 में पीड़िता दोबारा इंदौर अपने मायके आई थी। 3 फरवरी 2015 को उसने प्रधानमंत्री, मुंबई पुलिस कमिश्नर, इंदौर एसपी को शिकायत की, लेकिन किसी ने कार्रवाई नहीं की। तब 10 फरवरी 2015 को पीड़िता अपनी बच्ची को लेकर कोर्ट पहुंची।

कोर्ट ने महिला एवं बाल विकास अधिकारी से जांच करवाई। जांच रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट ने आरोपी पति भरत, सास सेवंता बाई, ननद हेमा ज्योति व नंदोई सुनील के खिलाफ घरेलू हिंसा की धारा-12 के तहत मुकदमा दर्ज किया।

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