खंडवा। तेंदुए के हमले से दो लोगों की जान बचाकर कुत्तों ने अपनी वफादारी दिखाई है। गाय तलाशने जंगल पहुंचे दो ग्रामीणों पर तेंदुए ने हमला कर दिया था। गंभीर रूप से जख्मी दोनों ग्रामीणों को जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है। घटना जावर क्षेत्र के ग्राम कमलिया व बलियापुरा के जंगल के बीच की है। घायलों के अनुसार करीब आधे घंटे तक तेंदुए से संघर्ष चलता रहा।
रविवार को ग्राम कमलिया निवासी प्यारसिंह पिता भोरला (40) की गाय गुम हो गई थी। गांव में तलाशने के बाद जब गाय नहीं मिली तो वह दोपहर को अपने साथी लालसिंह पिता भीमसिंह (20) के साथ जंगल पहुंचा। दोनों के पीछे-पीछे उनके दो पालतू कुत्ते भी जंगल तक आ गए। जंगल में कुछ दूर आगे जाने के बाद जब वे गाय को तलाशने लगे तो एक पेड़ के पास उन्हें एक मरी हुई गाय दिखाई दी।
दोनों गाय के पास पहुंचे ही थे कि लालसिंह पर पीछे से तेंदुए ने हमला कर दिया। अचानक हुए इस हमले से दोनों घबरा गए। तेंदुआ लालसिंह को घसीट कर ले जाने लगा तो प्यारसिंह ने साहस दिखाते हुए उसे भगाने का प्रयास किया। कुछ देर बाद तेंदुए ने लालसिंह को छोड़ा और प्यारसिंह पर झपटा मार दिया। तेंदुए ने चेहरे पर पंजा मार कर उसके हाथ को बुरी तरह जख्मी कर दिया।
दोनों लहुलुहान होकर मदद के लिए पुकारते रहे। इस दौरान अपने मालिकों पर हमला होता देख कुत्तों ने तेंदुए पर भोंकना शुरू कर दिया। इससे उसका ध्यान दोनों ग्रामीणों पर से हटकर कुत्तों पर चला गया। तेंदुआ दोनों को छोड़कर कुत्तों की तरफ लपक गया। कुत्ते यह देख वहां से भाग खड़े हुए और तेंदुआ भी उनके पीछे हो लिया।
इस बीच दोनों ग्रामीण जैसे तैसे जंगल से बाहर आए और मोबाइल कर ग्रामीणों को घटना की सूचना दी। कुछ ही देर में बड़ी संख्या में ग्रामीण जावर थाने के पुलिसकर्मियों के साथ मौके पर पहुंच गए। पुलिस की मदद से दोनों घायलों को दोपहर करीब 3 बजे जिला अस्पताल लाया गया।
घायल प्यारसिंह ने बताया कि करीब आधे घंटे तक तेंदुए से संघर्ष चलता रहा। जंगल में तेंदुए ने एक गाय को मार डाला था। हमारी गाय अभी भी लापता है। प्रधान आरक्षक ओंकार पटेल ने बताया कि तेंदुए के हमले में घायल ग्रामीणों को जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है। अभी तक का यह पहला मामला है जब किसी तेंदुए ने हमला किया हो।