भोपाल। मप्र में चल रहे आर्थिक संकट के कारण कर्मचारियों को बांटने के लिए वेतन भी शेष नहीं रह गया है। सबसे पहले प्रभावित अध्यापक संवर्ग हुआ है। इस महीने भी अध्यापकों को वेतन नहीं बांटा गया।
सरकार की माली हालत खराब होने से कर्मचारियों को वेतन के लाले पड़ने लगे हैं। राजधानी के डेढ़ हजार वरिष्ठ अध्यापक, अध्यापक और सहायक अध्यापक पिछले 13 दिनों से वेतन का इंतजार कर रहे हैं। उन्हें रोज आज-कल कहकर समझाया जा रहा है। स्कूल शिक्षा विभाग के सूत्र बताते हैं कि अध्यापक के वेतन हेड में राशि नहीं है। इस वजह से लोक शिक्षण संचालनालय ने अब तक आवंटन जारी नहीं किया है। आवंटन जारी न होने की वजह से वेतन का भुगतान भी अटका हुआ है।
किश्तें नहीं चुका पा रहे
अध्यापकों ने बताया कि पिछले माह भी वेतन मिलने में देरी हुई थी। इस माह तो 13 दिन ज्यादा हो गए। इस कारण मकान, कार सहित अन्य लोन की किश्तें नहीं दे सके हैं। जबकि महीने की पांच तारीख को किश्त देना अनिवार्य है। अध्यापकों का कहना है कि वेतन में देरी होने से पिछले दो माह से समय पर किश्त जमा नहीं कर पा रहे हैं। इस कारण पेनॉल्टी देनी पड़ रही है।
आवंटन नहीं आने से वेतन देने में दिक्कत हो रही है। लोक शिक्षण संचालनालय के अधिकारियों से बात कर रहे हैं। जल्द ही सभी को वेतन का भुगतान कर दिया जाएगा।
केपीएस तोमर, जिला शिक्षा अधिकारी
