नागपुर, वर्धा। देश को बदलना है तो गांवों को बदलना होगा। सरकार स्मार्ट सिटी बनाने की बात कर रही है। जबकि स्मार्ट सिटी बनाने के बजाए स्मार्ट विलेज बनाने चाहिए। गांधीजी का यही सपना था। केंद्र सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए वरिष्ठ समाजसेवी अन्ना हजारे ने सोमवार को यह बात कही। उन्होंने कहा कि सरकार उपजाऊ भूमि को भी अधिग्रहित करना चाहती है। सिंचित जमीन को भी अधिग्रहित करने का प्रावधान भूमि अधिग्रहण बिल में है। किसान न्यायालय में जाना चाहे तो भी सरकार की अनुमति लेनी होगी।
यह निर्णय किसान विरोधी है। लिहाजा इसके खिलाफ 30 मार्च को सेवाग्राम से संघर्ष यात्रा निकाली जाएगी। केंद्र सरकार के भूमि अधिग्रहण बिल के खिलाफ देशभर के किसान संगठनों के पदाधिकारी सोमवार को अन्ना के नेतृत्व में सेवाग्राम के यात्री निवास में उपस्थित हुए।
बिल के खिलाफ निकाली जाने वाली पदयात्रा के संबंध में बुलाई गई इस बैठक में अन्ना हजारे भी शामिल हुए। बैठक में आंदोलन की आंदोलन की रूपरेखा तय करने के लिए एक कमेटी का गठन किया गया।
23 को भगत सिहं के गांव जाएंगे
अन्ना हजारे 23 मार्च को शहीद भगतसिंह के पैतृकगांव जारनवाला पंजाब जाएंगे। भगतसिंह को नमन कर उनके जन्म स्थल से मिट्टी लाएंगे। 30 मार्च को सेवाग्राम पहुंचकर सेवाग्राम आश्रम की मिट्टी लेकर दिल्ली के लिए संघर्ष यात्रा आरंभ की जाएगी। इस दौरान देशभर के विभिन्न प्रांतों से रैलियां निकाली जाएंगी। किसानों के लिए जनजागृति अभियान चलाया जाएगा। 13 अप्रैल को बैसाखी पर्व पर पंजाब से भी किसान रैली निकालेंगे। सभी रैलियां श्रमिक दिवस पर 1 मई को दिल्ली में एकत्रित होंगी। इसके बाद आंदोलन किया जाएगा।
सेवाग्राम आश्रम में चल रहे देशभर के किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेने यहां आम आदमी पार्टी के योगेंद्र यादव भी पहुंचे। उन्हाेंने कहा कि पार्टी की आंतरिक कलह से देश व पार्टी को कोई फायदा नहीं होने वाला। आगे कहा, 'मैं यहां किसानों की समस्या पर चर्चा करने आया हूं। यह कार्यक्रम दो महीने पहले तय था। मुझे यहां आने के बाद पता चला कि अन्ना यहां आए हैं। अन्ना चाहेंगे तो मैं उनसे जरूर मिलूंगा।'