नई दिल्ली। देश में खुदरा महंगाई की दर पांच प्रतिशत से कुछ ज्यादा है, मगर अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाने-पीने की चीजों के दाम पांच साल के निचले स्तर पर आ गए। खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) ने यह जानकारी दी।
संयुक्त राष्ट्र की इस एजेंसी के मुताबिक, खाद्य वस्तुओं की आपूर्ति बढ़ने और डॉलर में मजबूती की वजह से फरवरी में विश्व बाजार में ऐसे हालात बने हैं। अगर खुदरा कीमतों के लिहाज से खाद्य महंगाई की दर को देखें तो भारत में यह अब भी दहाई के करीब बनी हुई है।
एफएओ के अनुसार फरवरी में खाने-पीने की चीजों का मूल्य सूचकांक 179.4 पर रहा। यह जनवरी में 181.2 और फरवरी, 2014 में 208.6 पर था। एफएओ का यह सूचकांक अंतरराष्ट्रीय बाजार में पांच प्रमुख खाद्य जिंस समूहों की कीमतों पर नजर रखता है। इसमें अनाज, मांस, डेयरी उत्पाद, खाद्य तेल और चीनी के मूल्य उप-सूचकांक जोड़े जाते हैं।
चौदह प्रतिशत कम हुईं कीमतें
एफएओ की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि फरवरी में खाद्य कीमत सूचकांक 55 महीने के न्यूनतम स्तर पर आ गया। यह जनवरी के मुकाबले एक प्रतिशत और सालाना आधार पर 14 फीसद कम है। संगठन के डेयरी और पशुपालन बाजार विशेषज्ञ माइकल ग्रिफिन ने कहा कि खाद्य कीमत सूचकांक जुलाई, 2010 से भी कम है। यह मजबूत आपूर्ति के साथ डॉलर के मुकाबले कई मुद्राओं में गिरावट को दिखलाता है।
चीनी के दाम ज्यादा घटे
एफएओ के अनुसार जनवरी के मुकाबले फरवरी में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीनी 4.9, अनाज 3.2 और मांस 1.4 प्रतिशत सस्ते हुए। हालांकि, डेयरी उत्पादों और खाद्य तेल के दामों में जनवरी की तुलना में फरवरी में क्रमशः 4.6 तथा 0.4 प्रतिशत की तेजी आई है।