भोपाल। गुड़ी पड़वा 21 मार्च को है और इसी दिन से चैत्र नवरात्रि पर्व की भी शुरूआत होगी। इस बार द्वितीया और तृतीया दो तिथियां एक दिन पड़ने के कारण आठ दिनों की नवरात्रि रहेगी। लेकिन नवमीं को ही व्रत का परायण और जवारे का विसर्जन किया जाएगा।
इस बार नवरात्रि पर सर्वार्थ सिद्घी, रवि और सौम्य जैसे शुभ योग बन रहे हैं। जो कई गुना फल देना वाला माना जाता है। रामनवमी में रवि योग के साथ नवरात्र का समापन होगा। इस बार रामनवमीं रविवार (28 मार्च) के दिन है, इस दिन पुष्य नक्षत्र होने से रवि-पुष्य योग बनेगा, जो भक्ति के विशेष फल प्रदान करने वाला होगा।
आठ दिनों में व्रत परायण किया तो खंडित होगा व्रत
ज्योतिष मठ संस्थान के संचालक पं. विनोद गौतम ने बताया कि इस बार देवी की आराधना का पर्व केवल आठ दिनों का होगा। इस बार दो तिथियों के समायोजन से नवरात्रि आठ दिन की होगी। जबकि रामनवमी को व्रत का परायण होगा। पं. गौतम का कहना है कि नवरात्रि के व्रत का परायण नौ दिन से पहले करने पर वह खंडित हो जाता है। कुछ पंचांगों के अनुसार द्वितीया-तृतीया की तिथियां एक साथ हैं, तो कुछ में अष्ठमी-नवमीं तिथि को एक साथ बताया गया है।
चार नवरात्र होते हैं साल में
हिंदू पंचांगों के अनुसार पूरे साल में चार नवरात्रि होती हैं, इनमें जिसमें दो प्रकाट्य और दो गुप्त नवरात्रि होती है। शारदेय और चैत्र नवरात्रि को प्रकाट्य कहा जाता है, जबकि अषाढ़ और माघ मास के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि की श्रेणी में रखा गया है।
- कब कौन से बनेंगे योग
- प्रथमाः गुड़ी पड़वा पर्व
- द्वितीया- तृतीयाः सर्वार्थ सिद्घि योग
- चतुर्थीः रवि योग
- पंचमी : सर्वार्थ सिद्घि योग
- षष्ठीः सर्वार्थ सिद्घि योग
- सप्तमीः रवि योग
- अष्ठमीः सौम्य योग
- नवमीं: रवि-पुष्य