भोपाल। मप्र में भ्रष्टाचार तो खत्म नहीं हो रहा, अलबत्ता भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वालों को खत्म करने का उपक्रम जरूर शुरू हो गया है। दवा घोटाले के व्हिसल ब्लोअर डॉ खरे की संदिग्ध मौत के बाद अब भर्ती घोटाले के 3 व्हिसल ब्लोअर्स को जान से मारने की धमकियां मिलीं हैं।
डॉ हरीसिंह गौर केन्द्रीय विश्वविद्यालय सागर के भर्ती घोटाले का खुलासा करने वाले तीन व्हिसल ब्लोअर्स को धमकियां मिल रही हैं। उन्होंने सीबीआई के ज्वाइंट डायरेक्टर को दोबारा शिकायत भेजकर जान जोखिम में बताई है। आशंका जताई है कि उनकी पहचान उजागर करने की गरज से विश्वविद्यालय प्रशासन के कतिपय लोग झूठे मुकदमे दर्ज कराने की साजिश भी कर रहे हैं।
घोटाले में विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो एनएस गजभिए को सीबीआई ने पिछले महीने ही गिरफ्तार कर जेल भेजा है। इसके बाद से ही तीनों व्हिसल ब्लोअर्स को प्रत्यक्ष-परोक्ष रूप से धमकियां मिल रही हैं। कुछ अनजाने लोग पीछा करते एवं घर के पास मंडराते पाए गए। आशंका है कि उप्र के बदमाशों से हमला भी कराया जा सकता है। तीनों व्हिसल ब्लोअर्स की सूचना के आधार पर ही सीबीआई ने पहली बार 30 मई 14 को सागर सहित कई शहरों में छापा मारकर कई सबूत बरामद किए थे।
CBI से मांगी सुरक्षा
सीबीआई के दिल्ली स्थित जेडी को भेजे पत्र में तीनों व्हिसल ब्लोअर्स सुनील पंडित, कुलदीप गर्ग एवं सुखविंदर शर्मा (सुरक्षा के मद्देनजर नाम बदल दिए) ने सुरक्षा की मांग की है। उनका कहना है कि वे सीबीआई के मुख्य गवाह भी हैं इसलिए घोटाले में आरोपियों के निशाने पर हैं। सीबीआई ने कुछ महीने पहले सुरक्षा देने आईजी सागर को पत्र भी भेजा था, कुछ पुलिस कर्मियों ने आकर पूछताछ भी की लेकिन इसके बाद किसी ने संपर्क नहीं किया।
दस्तावेजों के साथ की थी शिकायत
युवकों ने बताया कि उन्होंने इस पूरे गोरखधंधे की दिसंबर 2013 में प्रमाणित दस्तावेजों सहित गोपनीय शिकायत भेजी थी। सीबीआई ने घोटाले के दौरान कुलपति रहे गजभिए पर अनुपातहीन संपत्ति के प्रकरण सहित मामले में कुल 7 अलग-अलग प्रकरण दर्ज किए हैं। सीबीआई ने 20 फरवरी को चार शहरों के 8 ठिकानों पर इस संदर्भ में दुबारा छापामारी कर अनेक दस्तावेज बरामद किए, इसके बाद ही गजभिए भी सीबीआई के शिकंजे में आ गए। गजभिए को कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में जेल भेजा है।