पन्ना। जिला केंद्रीय सहकारी बैंक अध्यक्ष पन्ना को पद से हटाने तथा दूसरी बार अध्यक्ष न बनने देने मात्र के लिये सत्तासीन पार्टी व सरकार ने बैंक के 24 करोङ रुपये दांव पर लगा दिये। 24 करोङ से अधिक की कर्जदार 44 अपात्र समितियों को पात्र बना दिया गया है। इस कारण रकम का गबन होने की भी आशंका बढ़ जाती है। पूरे प्रदेश में सरकार और भाजपा को एक अध्यक्ष भारी पङता नजर आ रहा है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर पन्ना बैंक मतदाता सूची मे 69 प्राथमिक सहकारी समितियाँ अपात्र घोषित हुई थी जबकि पन्ना के एडीएम और चुनाव के अपीलीय अधिकारी अनिल खरे का कहना है कि कुछ भी गलत नही हुआ नियमानुसार यह समितियाँ पात्र हैं अब आगे क्या होगा सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में तय हो जाएगा जो कि 10 मार्च को है।