श्योपुर जिले में कल शाम को अचानक मौसम ने पलटा खाया बूंदा बांदी चालू हुई और थोडी देर में तेज हवाओं के अंधड के साथ में ओलों का कहर चालू हो गया। 20 मिनट तक अपना कहर मजलूम किसानों पर बरसाते रहे हवा पानी सारी रात बचा खुचा साफ करने में लगे रहे।
सुबह होने पर जब अन्नदाता अपने खेतो पर पहुंचा तो मेड पर बैठकर खून के आंसू बहाने के अलावा और कोई चारा नहीं था। गेंहू की बाली टूटकर खेत में थी पूरा गेंहू बिस्तर की तरह बिछ गया। धनीये कि भी यही गत बन चुकि थी। मात्र 20 मिनट में चारों तरफ तबाही का कोहराम था। पत नहीं ऊपर वाला किसानों पर ही एसे सितम क्यों करता है। सब के अरमानों सपनों पर कहर बरप चुका है। किसी को बेटी कि शादी कि चिंता किसी को अपना कर्ज चुकाने कि चिंता सताने लगी है। दांतरदा, प्रेमसर, सोंठवा, मानपुर, सोंई, आदी बैल्ट के पचासों गावों मेँ ये भयावह मंजर बिखरा पडा है और आसमान में अभी भी काले बादल डेरा डाले हुये हैं, शायद देख रहें हैं कि कौन सा ईलाका बच गया है।
यह खबर हमारे जागरूक पाठक श्री कमलेश शर्मा द्वारा भेजी गई.