St. Francis School: फीस के लिए बच्चों को किया दण्डित, परीक्षा नहीं देने दी

रायसेन। न्यायालय के आदेश के बाद भी स्कूलों में फीस के लिए बच्चों को प्रताड़ित करने का क्रम जारी है। यहां St. Francis Convent School के प्रबंधन ने फीस से सामूहिक रूप से कई बच्चों दण्डित किया।

बुधवार को कान्वेट स्कूल प्रबंधन द्वारा बच्चों को प्रताडि़त किए जाने का मामला प्रकाश में आया है  स्कूल प्रबंधन द्वारा 10 से अधिक बच्चों को 3 बजे तक खड़े रहने की सजा सुना दी और स्कूल में आयोजित परीक्षा से भी बच्चों को वंचित रखा गया, क्योंकि पेरेंट्स ने अभी तक फीस जमा नहीं की थी। बच्चों का रो रो कर बुरा हाल था और अभिभावक के चेहरे पर प्रबंधन के खिलाफ गुस्सा साफ नजर आ रहा था परंतु आरोपी स्कूल संचालकों के खिलाफ अभी तक कोई प्रशासनिक कार्रवाई शुरू नहीं हुई है।

कलेक्टर से की शिकायत
बच्चों को प्रताडि़त किए जाने की शिकायत देवी शरण श्रीवास्तव ने लिखित रूप से कलेक्टर एवं शिक्षा विभाग व थाना कोतवाली में करते हुए कार्रवाई किए जाने की मांग की है। देवी शरण श्रीवास्तव ने बताया कि स्कूल प्रबंधन द्वारा मनमानी की जा रही है। उन्होंने बताया कि उनका 5 वर्षीय पुत्र मुकुंद श्रीवास्तव की फीस जमा है लेकिन प्रबंधन द्वारा फीस रजिस्टर ना देखते हुए अन्य बच्चे जिनकी फीस किसी कारणवश अभिभावक जमा नहीं कर पाए उन बच्चों को और मेरे पुत्र को तीन घंटे तक खड़ा कर प्रताडि़त किया। जिससे मेरे बच्चे को मानसिक रूप से आघात पहुंचा है। कलेक्टर जे के जैन ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए मामले की जांच के निर्देश एसडीएम उमराव सिंह मरावी को दिए है।

मोटी फीस और मनमानी
कान्वेट स्कूल प्रबंधन द्वारा बच्चों के अभिभावकों से मोटी फीस वसूल की जाती है और तरह तरह की मनमानी प्रबंधन द्वारा की जाती है। जबकि सीबीएसई नियम अनुसार विशेष योग्यता धारी शिक्षक होना चाहिए लेकिन स्कूल में शासन के नियम कायदों की धज्जियां उड़ाते हुए प्रबंधन द्वारा मनमानी की जा रही है।

माईक पर बोलकर किया जाता प्रताडि़त
स्कूल प्रबंधन से परेशान अन्य अभिभावकों ने नाम ना छापने की शर्त में बताया कि किसी कारणवश फीस जमा किए जाने में विलंब हो जाता है तो स्कूल प्रबंधन द्वारा माइक पर बोलकर बच्चों को राशि जमा किए जाने हेतु प्रताडि़त किया जाता है और हद तो जब हो जाती है जब फीस ना जमा करने के कारण स्कूल प्रबंधन द्वारा मासूम बच्चों पर तरस ना खाते हुए शरीरिक रूप से भी प्रताडि़त किए जाने से गुरेज नहीं किया जात है।

कलेक्टर को हैं कार्रवाई के अधिकार
ऐसे स्कूलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए कलेक्टर को सारे अधिकार प्राप्त हैं। ग्वालियर में कलेक्टर ने स्पष्ट आदेश जारी किए हैं कि यदि फीस के लिए बच्चों को प्रताड़ित किया गया तो स्कूल संचालक के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज करा जेल भेज दिया जाएगा। स्कूलों के खिलाफ धारा 144 के तहत इस तरह की कार्रवाई की जा सकती है।

कहां हैं हिन्दू संगठन 
यूं तो रायसेन की एक पहचान हिन्दू मुस्लिम तनाव के लिए भी होती है परंतु जब स्कूलों मेें इस तरह की प्रताड़नाएं की जातीं हैं तो ऐसे तथाकथित समाज के ठेकेदार कट्टरवादी संगठन ना जाने कहां गायब हो जाते हैं। लवजिहाद और पशुहत्या के खिलाफ उग्र हो जाने वाले संगठनों की मासूमों के प्रति प्रताड़ना के मामले में मौन, उन पर प्रश्नचिन्ह लगाता है। 

प्राईवेट स्कूल पेरेंट्स क्लब क्यों नहीं बनाते
प्राईवेट स्कूलों की मनमानी के खिलाफ कई शहरों में भोपाल समाचार की सलाह पर प्राईवेट स्कूल पेरेंट्स क्लब का गठन किया जा चुका है। रायसेन में भी ऐसा संगठन बनाया जा सकता है। यदि पेरेंट्स संगठित हो गए प्राईवेट स्कूल संचालकों के हौंसले अपने आप पस्त हो जाएंगे और कलेक्टर पर भी दवाब बनेगा कि वो अपने अधिकारों का उपयोग करते हुए स्कूलों की मनमानी पर लगाम लगाए। 

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