भोपाल। आप यदि किसी को बचाना चाहते हैं तो कांग्रेस को कहिए कि वो उसके खिलाफ एक प्रेसनोट जारी कर दे। उसकी सुरक्षा के पूरे इंतजाम मप्र सरकार करेगी और यदि दिग्विजय सिंह ने उसके खिलाफ बयान दे दिया तो शिवराज सरकार की पूरी ताकत उसे बचाने में लगा दी जाएगी फिर चाहे मामला कुछ भी क्यों ना हो।
मप्र के राज्यपाल बाबू रामनरेश यादव के मामले में कुछ ऐसा ही हो रहा है। व्यापमं घोटाले में नाम आने पर अपने ही मंत्रियों को गिरफ्तार करवा देने वाली शिवराज सरकार अब राज्यपाल के समर्थन में इसलिए उतर आई है क्योंकि कांग्रेस ने उनसे इस्तीफा मांग लिया। पढ़िए मंत्रियों की बयानी:—
नैतिक संकट तो है: गौर
गृह मंत्री बाबूलाल गौर ने माना कि राज्यपाल नैतिक संकट में तो घिर गए हैं, लेकिन इस्तीफे पर उन्होंने कहा कि यह उनकी व्यक्तिगत सोच है उन्हें इस्तीफा देना है या नहीं इस मामले में मैं कुछ नहीं बोलूंगा।
गिरेबान में झांके कांग्रेस: भार्गव
पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि यदि कांग्रेस राज्यपाल से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा मांग रही है तो इस आधार पर कांग्रेस तो पूरी की पूरी साफ हो जाएगी। पहले वह अपने गिरेबान में झांके की वह कहां तक डूबे हुए हैं।
बेहद शरीफ हैं राज्यपाल: वियवर्गीय
नगरीय विकास एवं पर्यावरण मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि राज्यपाल बेहद शरीफ हैं, उन्हें झूठा फंसाया जा रहा है। ऐसे में इस्तीफे का तो सवाल ही नहीं उठता।
जांच के बाद ही सिद्ध होगा: गुप्ता
उच्च शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने राज्यपाल का बचाव करते हुए कहा कि राज्यपाल को इस्तीफा नहीं देना चाहिए, उनके बेटे का नाम केवल बयान में आया है। उसकी संलिप्तता कितनी है यह जांच के बाद ही सिद्ध होगा।
