जबलपुर। प्रदेश के हजारों सहायक प्राध्यापकों की पदोन्नति का रास्ता साफ हो गया है। हाईकोर्ट ने कई वर्षों से प्रतीक्षित विभागीय पदोन्नति समिति (डीपीसी) बैठक यथाशीघ्र आयोजित करने का आदेश जारी कर दिया है। न्यायमूर्ति वंदना कासरेकर की एकलपीठ में मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता रीवा निवासी डॉ.श्रीमोहन त्रिपाठी, बृजेन्द्र कुमार शर्मा व डॉ.राजेन्द्र प्रसाद सिंह सहित अन्य का पक्ष अधिवक्ता एसपी मिश्रा व विद्याशंकर मिश्रा ने रखा।
उन्होंने दलील दी कि महाविद्यालयीन शिक्षा शाखा नियम-1990 और मध्यप्रदेश लोकसेवा पदोन्नति नियम-2002 के मुताबिक प्रतिवर्ष विभागीय पदोन्नति समिति की बैठकें आयोजित की जानी चाहिए। इसके बावजूद राज्य में मनमानी करते हुए पिछले कई साल से डीपीसी आयोजित नहीं की गई। इस वजह से हजारों सहायक प्राध्यापक प्रोफेसर बनने का सपना देखते-देखते बूढ़े होने की कगार पर पहुंच गए।
याचिकाकर्ताओं ने इंसाफ की खातिर राज्य शासन, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा, आयुक्त उच्च शिक्षा, एडिशनल डायरेक्टर उच्च शिक्षा सहित अन्य को पक्षकार बनाकर हाईकोर्ट की शरण ले ली। कोर्ट ने पूरे मामले पर गौर करने के बाद नियमानुसार डीपीसी करने निर्देश दे दिया।
