चौदहवें वित्त आयोग की बेहूदा सिफारिश

उपदेश अवस्थी/नई दिल्ली। चौदहवें वित्त आयोग ने एक बेहूदा सिफारिश की है। आयोग का कहना है कि 7वां वेतन आयोग का लाभ केवल उन्हीं कर्मचारियों को दिया जाना चाहिए जिनका प्रदर्शन अच्छा हो। अर्थात यदि सीनियर की चमचागिरी नहीं की गई तो वेतन नहीं बढ़ेगा।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 14वें वित्त आयोग की रिपोर्ट मंगलवार को संसद में पेश की। इसी रिपोर्ट में वित्त आयोग ने सरकारी कर्मचारियों की वेतनवृद्धि को उनकी उत्पादकता से जोड़ने की सिफारिश की है। आम तौर पर सरकार वित्त आयोग की सिफारिशें खारिज नहीं करती है, इसलिए माना जा रहा है कि इस सिफारिश को सरकार लागू कर सकती है। वित्त आयोग ने कहा है कि वेतन आयोग का नाम और संरचना बदलकर वेतन और उत्पादकता आयोग किया जाना चाहिए। इस आयोग की जिम्मेदारी कर्मचारियों का प्रदर्शन बेहतर बनाने के उपाय सुझाने की होनी चाहिए। भविष्य में अतिरिक्त मानदेय को कर्मचारियों के प्रदर्शन से जोड़ा जाए।

वित्त आयोग का कहना है कि छठे वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने से केंद्र का वेतन और भत्तों पर खर्च वर्ष 2007-08 से 2012-13 के दौरान बढ़कर दोगुना हो गया है। इस अवधि में रक्षा कर्मचारियों को छोड़कर बाकी सभी का सालाना प्रति व्यक्ति वेतन 1,45,722 रुपये से बढ़कर 3,25,820 हो गया है। राजस्व व्यय में वेतन और भत्तों पर खर्च का प्रतिशत भी बढ़ गया है। वित्त आयोग ने यह नहीं बताया है कि सातवें वेतन आयोग का केंद्र या राज्यों के खजाने पर कितना बोझ पड़ेगा।’

सबसे ज्वलंत सवाल
इस मामले में सबसे सुलगता सवाल यह है कि आखिर वेतनवृद्धि की ही क्यों जाती है। यदि आप इस सवाल का जवाब तलाशेंगे तो ध्यान में आएगा कि इसका सीधा सीधा ताल्लुक मंहगाई से है प्रदर्शन से कतई नहीं है और कतई हो भी नहीं सकता।
खराब प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों की वेतनवृद्धि रोकने के प्रावधान पहले से ही मौजूद हैं, तो फिर बात को बदलकर क्यों किया जा रहा है।
यदि कोई कर्मचारी नौकरी में है तो यह उसका अधिकार और नियोक्ता ​की जिम्मेदारी है कि मंहगाई के प्रतिशत के अनुसार उसका वेतन बढ़ाया जाए। चाहे वो सरकारी हो या प्राइवेट।
यदि सरकार चाहती है कि वेतनवृद्धि पर होने वाले खर्चों को कम किया जाए तो उसे मंहगाई पर नियंत्रण करना चाहिए।

सिर्फ एक सुझाव
वेतनवृद्धि के मामलों में न्यायप्रिय निर्णय केवल यह हो सकता है कि नीति निर्धारित कर दी जाए। एक वित्तीय वर्ष में जितने प्रतिशत मंहगाई बढ़ेगी, उतने ही प्रतिशत वेतन बढ़ाया जाएगा। इसके बाद कभी किसी आयोग की जरूरत नहीं पड़ेगी।

भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!