भोपाल। अपने विरुद्ध आए कांग्रेसी हमले के जवाब में शिवराज सिंह चौहान ने सामंतवादी कार्ड खेल दिया है। उन्होंने कहा कि राजा महाराजाओं में एक आम आदमी सीएम के रूप में स्वीकार नहीं हो पा रहा है, इसलिए वो तोहमतें लगा रहे हैं। इससे पहले सीएम के समर्थन पेडन्यूज के आरोपी मंत्री नरोत्तम मिश्रा आए थे परंतु जब मीडिया ने मिश्राजी से कुछ तकनीकी सवाल किए तो वो चुप रह गए और उनकी प्रेस कांफ्रेंस पंचर हो गई। आज सीएम ने कुछ चुनिंदा पत्रकारों को बुलाकर सधे हुए शब्दों में अपना बयान जारी करवाया।
शिवराज के मुताबिक, उनकी और उनकी सरकार की यह सफलता 'राजा और महाराजाओं' को हजम नहीं हो रही है, इसलिए वे लोगों के दिमाग में शक पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। सीएम बोले, "मैं उनकी आंखों में चुभ रहा हूं। कांग्रेस एक आम आदमी को सीएम के रूप में नहीं देख पा रही है।" शिवराज ने कहा हम दिग्विजय सिंह के खिलाफ कानूनी कार्रवाई पर विचार कर रहे हैं।
मप्र में दिग्विजय की विश्वसनीयता नहीं
मध्यप्रदेश के सीएम ने दिग्विजय को निशाने पर लेते हुए कहा, "दिग्विजय सिंह की विश्वसनीयता कम है, इसलिए वे अन्य नेताओं को लेकर सामने आए। अगर उनके पास कोई दस्तावेज है तो सामने लेकर आएं।" सोमवार को कांग्रेस प्रदेश से जुड़े तीनों बड़े नेताओं दिग्विजय सिंह, कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर सीधा हमला बोला था। ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह पूर्व राजघरानों से ताल्लुक रखते हैं।
एक्सल शीट का सोर्स बताए कांग्रेस
शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आरोप लगाने से कुछ नहीं होता है, कांग्रेस को उस एक्सल शीट का सोर्स और उस लैब के बारे में भी बताना चाहिए, जहां उसकी फोरेंसिक जांच हुई है। शिवराज के मुताबिक, यह मामला फिलहाल मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में है। उनके मुताबिक, कांग्रेस को कोर्ट के फैसले का इंतजार करना चाहिए। शिवराज सिंह चौहान ने कहा, "व्यापमं के घोटाले में मेरी सरकार के शामिल होने का आरोप विपक्षी पार्टी की ओर से लगाई गई पहली तोहमत नहीं है। वे आगे भी इस तरह के आरोप लगाते रहेंगे।"
साहस है तो कार्रवाई करो
इसके जवाब में दिग्विजय सिंह ने अपना बयान सोशल मीडिया पर शेयर किया है। उन्होंने लिखा है कि 'जब बचने के लिये कुछ ना हो तो emotional line लो। यही मप्र के मुख्य मन्त्री कर रहे हैं। मैंने शपथ पत्र पर आरोप लगाये हैं। शिवराज यदि साहस है मुझ पर कार्यवाही करो। या इस्तीफ़ा दो। विडंबना हे पहले शिवराज सिंह उमा भारती को हटा के CM बने। बाद में व्यापमं घोटाले की एक्सेल शीट में CM को हटाके उमा भारती जी का नाम लिखवा दिया।'
मीडिया को मैनेज करने में जुटे अधिकारी
कांग्रेस के इस हमले के बाद मीडिया को एक बार फिर मैनेज करने का उपक्रम शुरू हो गया है। पता चला है कि सीएम ने कुछ चुनिंदा पत्रकारों को एकांत में बुलाकर कुछ बातचीत की है। समझा जा रहा है कि विधानसभा से पहले तमाम शोरशराबे को दबाने के लिए रणनीति बनाई गई है। इधर शिवराज विरोधी नेताओं के मित्र पत्रकार भी सक्रिय हो गए हैं, वो हर हाल में शिवराज पर संकट बनाए रखने के लिए काम करेंगे। बताया जा रहा है कि जनसंपर्क संचालनालय की ओर से भी मीडिया को मैनेज करने का काम तेजी से शुरू हुआ है। आने वाले तीन महीनों के पैकेज सोमवार की रात को ही फाइनल हो गए और ऐसे सभी अखबारों को मैनेज कर लिया गया जहां से शोर शराबे की उम्मीद थी।
कांग्रेसी पत्रकार भी कतार में
खबर आ रही है कि दिग्विजय सिंह से निकटता का बखान करने वाले कई पत्रकार भी तेजी से उस कतार में खड़े होते जा रहे हैं जहां ब्रांड शिवराज के लिए सौदेबाजी हो रही है। इन पत्रकारों का मानना है कि शिवराज पर दवाब बनाए रखने के लिए कांग्रेस को जिंदा रखना जरूरी है परंतु कांग्रेस को जिंदा रखने के लिए खुद भूखा तो नहीं रहा जा सकता।
