पढ़िए एस्सार समूह और रिश्वतखोर नेताओं की कहानी

नई दिल्ली/मुंबई। एक अंग्रेजी अखबार ने सनसनीखेज खुलासा किया है कि किस तरह उद्योगपति रुइया परिवार के एस्सार समूह ने कथिततौर पर अपने खर्च पर भाजपा के बड़े नेता नितिन गडकरी को सपरिवार क्रूज की सैर कराई। कंपनी के आंतरिक ईमेल और अन्य वार्तालापों में पूर्व कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल के साथ ही कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह और भाजपा सांसद वरूण गांधी के नाम भी हैं।

एक व्हिसलब्लोअर ने ये जानकारी जुटाई है, जिसे लेकर जल्द ही सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की जाएगी। कंपनी के अधिकारियों के बीच हुई बातचीत से संदेह है कि कंपनी ने अपने हितों को साधने के लिए मंत्रियों, नौकरशाहों और पत्रकारों को लालच दिया।

इंडियन एक्सप्रेस अखबार ने इन दस्तावेजों के आधार पर जब एस्सार के प्रवक्ता से सवाल किए, तो जवाबी ईमेल में बताया गया कि कंपनी से जुड़े ईमेल से कुछ डेटा चोरी किया गया है और उसके साथ छेड़खानी की गई है। वे इस बारे में पहले ही दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कर चुके हैं।

हेलिकॉप्टर से याट पर गया था गडकरी परिवार!
दस्तावेजों में लिखा है कि भाजपा नेता नितिन गडकरी, उनकी पत्नी, दो बेटों और बेटी ने फ्रैंच रिविएरा में एस्सार कंपनी के याट 'सनरेज़' पर दो रातें बिताई थीं। यह सात से नौ जुलाई 2013 के बीच की बात है। नाइस एयरपोर्ट से गडकरी का परिवार हेलिकॉप्टर से याट पर गया था।

हालांकि तब गडकरी न तो मंत्री थे, ना ही भाजपा अध्यक्ष, लेकिन कंपनी के एक ईमेल में लिखा गया था कि ये बहुत महत्वपूर्ण लोग हैं। उनका ख्याल रखा जाए।

बहरहाल, अखबार ने इस बारे में जब गडकरी से बात की तो उन्होंने साफ किया कि मैं उस समय न तो भाजपा अध्यक्ष था, न मंत्री पद पर था, इसलिए हितों के टकराव का कोई मसला नहीं है। बकौल गडकरी, मैं रुइया परिवार को 25 साल से जानता हूं। वे मेरे पड़ोसी रहे हैं। जब उन्हें पता चला कि मैं यूरोप की यात्रा पर हूं तो उन्होंने मुझे आमंत्रित किया था। वो मेरी निजी यात्रा थी। अब मैं मंत्री हूं तो जाहिरतौर पर ऐसा कुछ नहीं करूंगा।

नौकरी दिलवाते थे ये बड़े नेता
कंपनी दस्तावेजों के आधार पर तत्कालीन कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह, मोतीलाल वोरा, तत्कालीन सांसद यशवंत नारायण सिंह लागुरी और भाजपा के वरूण गांधी ने अपने-अपने उम्मीदवारों को कंपनी में नौकरी के लिए भेजा था।

कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एक ईमेल में जिक्र किया है कि किस तरह 200 पद वीआईपी के नाम पर रिक्त रखे गए।

अपने लोगों को नौकरी दिलवाने के सवाल पर श्रीप्रकाश जायसवाल ने स्वीकार किया कि मैं अपने क्षेत्र के बेरोजगार युवकों को नौकरी दिलाने का प्रयास करता रहता हूं।

वहीं दिग्विजय सिंह ने भी कहा, मुझे याद नहीं आ रहा, लेकिन हां मैं इस तरह बेरोजगारों की मदद करता रहता हूं। वरूण गांधी ने कहा, कई पढ़े-लिखे बेरोजगार युवक मुझसे मिलते हैं और नौकरी दिलवाने की बात करते हैं, तो उनकी मदद करता हूं।

सांसदों और नौकरशाहों को महंगे फोन
एक अन्य ईमेल में कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शीर्ष नौकरशाहों और सांसदों को गिफ्ट दिए जाने वाले 200 महंगे सेलफोन का जिक्र किया है। दिल्ली के पत्रकारों के लिए मुफ्त कैब का जिक्र भी है।

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !