भोपाल। शहर के सुप्रसिद्ध स्वदेश बिल्डर्स के आफिस एवं मालिकों के घर पर आज ईओडब्ल्यू ने छापामार कार्रवाई की। EOW कोलार में हुए लगभग 23 एकड़ जमीन घोटाले की जांच कर रही है। EOW टीम ने इस मामले में कोलार नपा के पूर्व सीएमओ एवं अन्य के ठिकानों पर छापे मारे।
गुरुवार सुबह करीब आठ बजे ईओडब्ल्यू की टीम कोलार स्थित स्वदेश बिल्डर्स के दफ्तर के साथ ही उसके संचालक नितिन अग्रवाल व पी. राजू के घर पहुंची। इसके साथ ही टीम ने कोलार के तत्कालीन सीएमओ राजेश श्रीवास्तव एवं उपयंत्री विनोद त्रिपाठी के घर पर भी छापा मारा। छापे में कोलार नगर पालिका से जुड़े कई दस्तावेज मिले है।
बताया जा रहा है कि कोलार जमीन घोटाले को लेकर कई फाइल नगर पालिका से गायब है। इस मामले की जांच के दौरान ईओडब्ल्यू ने नगर पालिका से दस्तावेज लेने के लिए कई बार प्रयास किए। तीन बार ईओडब्ल्यू की टीम वहां पर जा चुकी थी। इतना ही नहीं कई बार अधिकारियों को नोटिस भी दिए गए, लेकिन नगर पालिका ने दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए। मामले की जांच के दौरान राजेश श्रीवास्तव ने अपने बयान में ईओडब्ल्यू को बताया था कि वे जल्द ही भवन अनुज्ञा से संबंधित फाइल उपलब्ध करा देंगे, लेकिन अब तक करीब एक दर्जन फाइलें ईओडब्ल्यू को नहीं मिली। भवन अनुज्ञा से संबंधित फाइल बरामद करने के लिए ईओडब्ल्यू ने आज गुरुवार को छापा मारा है।
रातों-रात बने पांच सौ करोड़ रुपए के आसामी
स्वदेश बिल्डर द्वारा सोसायटी की जो जमीन खरीदी गई है, उसे दस साल पहले बनाकर बेचा गया है। इसमें बिल्डर ने 300 से अधिक फ्लैट और मकान बनाकर बेचे हैं। बिल्डर को बेचने के बाद इस सोसायटी के वास्तविक सदस्य भूखंड पाने से वंचित हो गए थे। ये आज भी प्लाट के लिए भटक रहे हैं और सोसायटी की जमीन पर कालोनी तानकर बिल्डर पी. राजू व नितिन अग्रवाल पांच सौ करोड़ रुपए के आसामी बन गए। स्वदेश बिल्डर्स, सर्वधर्म गृह निर्माण सोसायटी के तत्कालीन कर्ताधर्ता और नगर पालिका के तत्कालीन अधिकारियों के खिलाफ ईओडब्ल्यू ने नवंबर में प्रकरण दर्ज किया था। इस मामले में ईओडब्ल्यू ने स्वदेश बिल्डर्स के नितिन अग्रवाल, पी राजू के अलावा सर्वधर्म गृह निर्माण सोसायटी के तत्कालीन अध्यक्ष मोहम्मद रियाज खान, मुनव्वर खान, नगर पालिका कोलार के तत्कालीन अधिकारी राजेश श्रीवास्तव, लेखाधिकारी विनोद जैन, उपयंत्री विनोद त्रिपाठी, दैनिक वेतनभोगी दीपक श्रीवास्तव, विनय खरे, नगर एवं ग्राम निवेश के तत्कालीन अधिकारियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया था।