नईदिल्ली। आरएसएस से बड़ा राजनीतिज्ञ दल कोई हो ही नहीं सकता। चुनाव से पहले क्या भाजपा और क्या आरएसएस तमाम संगठनों से मोदी विरोधियों को निकाल बाहर कर दिया गया था परंतु अब आरएसएस में मोदी विरोधियों की पूछपरख बढ़ने लगी हैं। इसी के चलते गुजरात में चल रहे संघ के सम्मेलन में संजय जोशी को विशेष तौर पर ना केवल आमंत्रित किया गया बल्कि मीडिया गैलरी से भी गुजारा गया, ताकि सबकी नजर पड़ जाए।
भाजपा के पूर्व महासचिव और आरएसएस प्रचारक संजय जोशी संगठन के अहमदाबाद में चल रहे सम्मेलन में शामिल होने के लिए शनिवार को अहमदाबाद पहुंचे. जोशी के यहां पहुंचने से उनके भगवा पार्टी में वापसी की अटकलों को बल मिला है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रतिद्वंद्वी माने जाने वाले जोशी को 2005 में कथित तौर पर उनसे जुड़ी एक सीडी को लेकर विवाद के बाद पार्टी पद से निष्कासित कर दिया गया था.
जोशी ने हवाई अड्डा पर संवाददाताओं से कहा, हम कल सम्मेलन के समाप्त हो जाने के बाद इस संबंध में बात करेंगे. संवाददताओं ने उनसे सवाल किया था कि गुजरात में कार्यकर्ता शिविर का उनका दौरा क्या भाजपा में उनकी औपचारिक वापसी के पहले का कदम है. जोशी को 2012 में विधानसभा चुनावाके के पहले उत्तर प्रदेश का भाजपा प्रभारी बनाया गया था और उन्होंने पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के पहले सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था.
रिपोर्टों के अनुसार मोदी, जोशी के पद पर बने रखने के पक्ष में नहीं थे. आरएसएस नेता मनमोहन वैद्य ने कहा, जोशी हमेशा संघ का हिस्सा रहे हैं और संघ उनके लिए घर जैसा है. आरएसएस ने गुजरात से आरएसएस के पूर्व और मौजूदा प्रचारकों (नरेंद्र मोदी, संजय जोशी आदि) को आयोजन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था. हालांकि आरएसएस प्रवक्ता ने कहा कि मोदी सम्मेलन में शामिल नहीं हो रहे हैं. सम्मेलन रविवार को समाप्त हो रहा है. आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत समापन सत्र को संबोधित करेंगे.