राकेश दुबे@प्रतिदिन। मामला बहुत ही स्थानिक है, लेकिन इसकी गम्भीरता देशव्यापी| यह बाज़ार की वह खबर है जिससे आयकर एवं उन अन्य विभागों ने भी आँखे मूंद रखी है जिनके जिम्मे कानून व्यवस्था बनाये रखने कि जिम्मेदारी है| बात भोपाल की है और उसी बेतवा अपार्टमेंट की जिसमें एक वृद्ध दम्पति पर उसी अपार्टमेंट के एक अन्य रहवासी ने हमला कराया था| पुलिस ने इस ममाले में इसी काम्प्लेक्स के जिस एक व्यक्ति को पकड़ा है, उसका व्यवसाय औए समृद्धि एक प्रश्न है|
इस अपार्टमेंट की हर एक आवसीय इकाई का मूल्य करोड़ों में है| यह रहने वाले गिरफ्तार व्यक्ति का कोई घोषित आय स्रोत नहीं है| वह पास कि एक बस्ती का पुराना निवासी है| बाज़ार में रुपया मनमाने ब्याज पर देना उसका व्यवसाय है| अपार्टमेंट में चर्चा है कि वह लाखों रुपया ब्याज पर देता है, यह रुपया आता कहाँ से है? प्रश्न का उत्तर भी अपार्टमेंट के रहवासियों को मालूम है कि वह व्यक्ति किसी मंत्री के नजदीक है और आय का स्रोत वहीं से है|
हर बड़े शहर और सत्ता केन्द्रों के नजदीक ऐसी कहानियाँ देशव्यापी हैं| नाम और पात्र बदल सकते हैं| भूमि, भवन, बाज़ार से लेकर विदेशी बाज़ार तक यह जाल पसरा हुआ है| सारे अधिकारी जानते हैं, पर सभी का एक ही जवाब है “ उस पर मंत्री का हाथ है|” इस मामले में और मजेदार बात यह है कि आयकर और पुलिस दोनों के आला अधिकारी अख़बार कि खबरों को अविश्वसनीय बताकर लिखित में शिकायत मांगते हैं|
यह एक बानगी है| देश में ऐसी घटनाएँ रोज़ कहीं न कहीं घट रही है लेकिन सब चुप है| बेतवा अपार्टमेंट के लोगों कि तरह क्योंकि वे बेचारे हैं| वैसे बेतवा अपार्टमेंट कि तरह अन्य किसी बड़े अपार्टमेंट और भी ऐसे लोग है जो शोषक बैंक बने हुए है| ऐसी सूचनाएं साँझा करने का भी कोई केंद्रीय फरमान भी है, जिसे आज तक किसी अधिकारी ने नहीं पढ़ा है| सरकार गाफिल है|
लेखक श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।
संपर्क 9425022703
rakeshdubeyrsa@gmail.com
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