मप्र में मुर्दों की लकड़ी भी मंहगी: दोगुनी हुई कीमत

भोपाल। देशभर में मंहगाई दर 00 प्रतिशत हो गई है परंतु मध्यप्रदेश शासन इस प्रदेश में मंहगाई के नित नए रिकार्ड बना रहा है। वनविभाग ने गुपचुप तरीके से जलाऊ लकड़ी की कीमत बढ़ा दी है वो भी थोड़ी बहुत नहीं बल्कि दोगुनी कर दी है। पेट्रोल/डीजल पर टैक्स बढ़ाने के बाद जीवन वैसे ही मुश्किल से कट रहा था, अब तो अंतिम संस्कार भी मंहगा हो गया। 

वन विभाग के डिपो से जलाऊ लकड़ी का एक ढेर 7,500 रुपए में मिलता था, साढ़े तीन फुट जगह में बने ढेर में लगभग 4 से 5 क्विंटल लकड़ी होती थी। नए साल में इसी ढेर की कीमत 15,000 रुपए कर दी गई है। इस जलाऊ लकड़ी से सबसे ज्यादा शमशान में शवदाह किए जाते हैं। इसके अलावा उन गरीबों के घर के चूल्हे जलते हैं जो शासन की योजनाओं का लाभ नहीं लेते, आत्मसम्मान के साथ जीवन बिताना पसंद करते हैं।

बिना किसी सूचना के महंगी की गई जलाऊ लकड़ी से वह वर्ग सबसे ज्यादा परेशान है। वन विभाग का इस बारे में सिर्फ इतना ही कहना है कि वह तो ऊपर के निर्देशों का पालन कर रहा है। मुर्दों एवं गरीबों के काम आने वाली लकड़ी को महंगा करने का आदेश कहां से आया है, यह बताने के लिए कोई भी अधिकारी तैयार नहीं है।

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