भोपाल। जिन घरेलू गैस उपभोक्ताओं ने 30 जून तक रसोई गैस [एलपीजी] कनेक्शन को आधार नंबर के साथ बैंक खाते से लिंक नहीं कराया, उनके बारे में यह मान लिया जाएगा कि उन्हें सबसिडी की जरूरत नहीं है और उन्हें डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर फार एलपीजी [डीबीटीएल] योजना में शामिल नहीं किया जाएगा। ऐसे में फिर उन उपभोक्ताओं को हमेशा बाजार मूल्य पर ही गैस सिलेंडर खरीदने होंगे। यह नियम उन उपभोक्ताओं के लिए है जिनके गैस कनेक्शन 1 जनवरी 2015 से पहले के हैं।
जो उपभोक्ता डीबीटीएल योजना से लिंक नहीं हो सके हैं, उन्हें 31 मार्च, 2015 तक सीधे कैश सबसिडी मिलती रहेगी। मार्च तक लिंक न हो पाने वाले उपभोक्ताओं को 30 जून तक का अंतिम मौका दिया जाएगा। इसके बाद 1 अप्रैल से सभी उपभोक्ताओं को बिना सबसिडी का सिलेंडर लेना होगा। भोपाल जिले में अब तक डीबीटीएल योजना से 51 फीसदी यानी करीब 2 लाख 80 हजार उपभोक्ता जुड़ चुके हैं। इनमें से कई उपभोक्ता ऐसे हैं, जिनके पास आधार कार्ड नहीं हैं, लेकिन बैंक खाते के आधार पर वे योजना से लिंक हो चुके हैं। ऐसे उपभोक्ताओं को भी भविष्य में आधार कार्ड देना होगा। गैस कंपनियों के मुताबिक तो ग्रेस पीरियड और फिर पार्किंग पीरियड के अंत तक यानी 30 जून तक उपभोक्ताओं को आधार कार्ड नंबर देना होगा। ऐसा इसलिए जिससे कि कंपनियां सही उपभोक्ता की पहचान कर सकें और सबसिडी का लाभ सही व्यक्ति को मिले।
आरके गुप्ता, अध्यक्ष, एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स एसोसिएशन, भोपाल ने बताया कि एक अप्रैल से 30 जून तक यदि कोई उपभोक्ता पार्किंग पीरियड के दौरान भी गैस कनेक्शन को बैंक खाते से लिंक करा लेता है, तो सबसिडी का लाभ मिल सकता है। ऐसा नहीं होता है, तो फिर उसे बाजार मूल्य पर ही गैस सिलेंडर लेने होंगे।