एमएल यादव(9893309730)/भोपाल। सरकारी नियमों की पतंग बनाकर उड़ाने के आदी नेतागण नए कानून बन जाने के बाद भी बाज नहीं आ रहे हैं। वो सरकारी दस्तावेजों से कुछ इस तरह खेलते हैं जैसे कोई मजाक हो, जनता की आखों में तो धूल झोंकने की कोशिश हर रोज हुआ करती है।
मामला कांग्रेस के महापौर प्रत्याशी कैलाश मिश्रा की एज्यूकेशन का है। 2009 में जब वो पार्षद पद का चुनाव लड़ रहे थे तब चुनाव आयोग में जमा कराए गए एफिडेविड में उन्होंने अपनी शैक्षणिक योग्यता 8वीं पास दर्ज की थी, अब 2015 में जब वो महापौर का चुनाव लड़ रहे हैं तब उन्होंने अपनी शैक्षणिक योग्यता हायर सेकेंडरी पास बताई है। मजेदार तो देखिए, पासिंग ईयर दोनों परीक्षाओं में 1970 है। अब आप ही बताइए, एक बच्चा एक ही साल में 8वीं और हायर सेकेण्डरी कैसे कर सकता है परंतु नेताजी हैं, कुछ भी कमाल दिखा सकते हैं सो दिखा दिया।
झूठ क्यों बोला
राजनीति में शैक्षणिक योग्यता की जरूरत नहीं है। अनपढ़ भी चुनाव लड़ सकते हैं और भारत के प्रधानमंत्री तक बन सकते हैं, ऐसे में सवाल यह उठता है कि कैलाश मिश्रा ने झूठ क्यों बोला, सवाल यह भी है कि और कितने झूठ बोले हैं मिश्राजी ने। अब कैसे भरोसा करें।