भोपाल। बुधवार को भोपाल में हुए रोड शो के बाद तो पब्लिक ही कंफ्यूज हो गई है। भोपाल में महापौद पद के लिए भाजपा का प्रत्याशी कौन है, आलोक शर्मा या शिवराज सिंह चौहान ? सवाल इसलिए क्योंकि कदम कदम पर जनता की सेवा का संकल्प शिवराज सिंह चौहान दोहरा रहे हैं। आलोक तो बस सीना ताने हाथ हिला रहे हैं।
भोपाल नगरनिगम में सीएम सीट का चुनाव शिवराज सिंह चौहान के लिए निश्चित रूप से चुनौती बन गया है परंतु प्रत्याशी आलोक शर्मा इस राजनैतिक समीकरण से काफी रिलेक्स हो गए। लोकसभा एवं विधानसभा में टिकिट कट हो जाने के बाद कंपनशेसन के तौर पर मिले महापौर टिकिट पर चुनाव लड़ रहे आलोक शर्मा पूरी तरह से सीएम शिवराज सिंह चौहान पर डिपेंड हो गए हैं।
इधर सीएम पर भोपाल नगरनिगम चुनाव का प्रेशर साफ दिखाई दे रहा है। वो गली गली आलोक शर्मा की गारंटी देते घूम रहे हैं। आप खुद पढ़ लीजिए, भोपाल में सबसे ज्यादा वितरित होने वाले अखबार दैनिक भास्कर की यह खबर:—
सवाल यह नहीं है कि सीएम आलोक शर्मा के समर्थन में रोड शो क्यों कर रहे हैं। सवाल तो सिर्फ यह है कि क्या आलोक शर्मा की अपनी कोई विचारधारा, अपनी प्लानिग, अपनी पहचान नहीं है जो उन्हें शिवराज का सहारा लेना पड़ रहा है। रोड शो के दौरान जो शब्द शिवराज के मुंह से निकल रहे हैं, वही शब्द वो आलोक शर्मा के मुंह से सुनना चाहती है परंतु आलोक शर्मा हैं कि...।
पब्लिक बेहतर जानती है कि शिवराज सिंह का यह बयान सिर्फ एक चुनावी बयान है। विधानसभा में कहा था
- मैं मध्यप्रदेश के लिए जिऊँगा, मध्यप्रदेश के लिए मर जाऊँगा।
- मध्यप्रदेश की 6 करोड़ जनता मेरा परिवार है और इसके लिए 24 घंटे काम करूंगा।
अब बोल रहे हैं
- मैं जिऊँगा तो भोपाल के विकास के लिए
समझ नहीं आ रहा। यदि भोपाल में महापौर की सीट जीत गए तो क्या होगा। क्या शिवराज सिंह चौहान मध्यप्रदेश की चिंता करना छोड़ देंगे। सीएम हाउस को छोड़कर सदर मंजिल में मिला करेंगे।
