दमोह। देहात थाना क्षेत्र में बुधवार की रात दुराचार की शिकार 8 साल की मासूम की मेडिकल प्रक्रिया में जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने मानवीयता की सारी हदें पार कर दीं। एक पुरुष और एक महिला आरक्षक बच्ची के परिजनों के साथ रात 9 बजे से लेकर गुरुवार दोपहर 12 बजे तक अस्पताल में बैठे रहे लेकिन चिकित्सकों ने बच्ची का मेडिकल नहीं किया।
हद दर्जे की लापरवाही होने पर आरक्षकों ने आला अफसरों को सूचना दी। इसके बाद सीएसपी खुद अस्पताल पहुंचे। उन्होंने जिला अस्पताल की महिला चिकित्सक को फटकार लगाई। इसके बाद मासूम बच्ची का मेडिकल हो सका।
ये है घटनाक्रम
दमोह देहात थाना क्षेत्र की आठ वर्षीय बालिका से बुधवार को सीताराम उर्फ डब्बू पटैल (34) ने दुराचार किया। घटना की जानकारी मिलने पर परिजन मासूम को लेकर थाने पहुंचे थे। टीआई केडी सिंह कुशवाहा ने बालिका को मेडिकल परीक्षण के लिए रात करीब 2 बजे आरक्षक मोहन और महिला आरक्षक जूली राय के साथ अस्पताल भेजा। यहां पीड़िता, परिजन व पुलिसकर्मी पूरी रात बैठे रहे लेकिन किसी भी डॉक्टर ने मेडिकल नहीं किया।
CSP बोले-बता देते हम तो जबलपुर से करा लेते परीक्षण
मासूम की मेडिकल जांच नहीं होने पर सीएसपी डॉ. संजीव उइके ने मौजूद महिला डॉक्टर साधना पांडेय से कहा कि आप लोग बता देते हम तो जबलपुर या भोपाल से मेडिकल करा लेते। आप लोग तो कभी मानवता भी नहीं समझते। हालांकि मौजूद अन्य स्वास्थ्यकर्मियों ने जल्द ही मेडिकल कराने की बात कहते हुए मामला शांत किया।
CS ने काट दिया था फोन
पुलिस अधिकारी ने इस मामले में सिविल सर्जन डॉ. बीआर अग्रवाल से चर्चा की थी लेकिन वो वीडियो कॉन्फ्रेंस में व्यस्त होना बता रहे थे। इसके पहले जब बुधवार शाम को भी सिविल सर्जन से संपर्क करने की कोशिश की तो उन्होंने मीटिंग में होने का हवाला देते हुए फोन काट दिया।
ऑपरेशन कराना जरूरी
सुबह से मैंने दो ऑपरेशन किए। ये भी बेहद जरूरी थे। इसके बाद मुलायजा भी कर दिया है। मेरा सीएसपी से कोई वाद-विवाद नहीं हुआ।
डॉ. साधना पांडेय
चिकित्सक, जिला अस्पताल
