जेपी धनोपिया कांग्रेस के प्रवक्ता हैं या भाजपा के ऐजेंट ?

भोपाल। जेपी धनोपिया, नाम तो सुना ही होगा। मप्र कांग्रेस में प्रवक्ता है। कांग्रेस की ओर से इन्हे जिम्मेदारी मिली है कि भाजपा पर हमला करें और कांग्रेस का सकारात्मक व शक्तिशाली चेहरा मीडिया के सामने प्रस्तुत करें ताकि जनता को लुभाया जा सके। नगरनिगम चुनाव चल रहे हैं अत: यह जिम्मेदारी और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।

श्री धनोपिया अपनी जिम्मेदारी निभा भी रहे हैं। लगभग हर रोज भाजपा सरकार पर हमला करने का प्रयास कर रहे हैं परंतु आज जारी किए एक प्रेस बयान के बाद यह समझना मुश्किल हो गया है कि जेपी धनोपिया कांग्रेस के प्रवक्ता हैं या भाजपा के ऐजेंट ?

चुनावों के समय नेताओं का एक एक शब्द मायने रखता है। जनता उसके अपने तई अर्थ भी निकालती है। श्री धनोपिया के नाम से जारी हुआ एक प्रेसनोट अर्थ का अनर्थ करता प्रतीत हो रहा है। श्री धनोपिया ने नाम से जारी इस प्रेसनोट में बताया गया है कि उन्होंने चुनाव आयोग को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन की शिकायत की है।

यहां तक तो ठीक था परंतु इसके साथ ही श्री धनोपिया ने प्रेसरिलीज में बोल्ड लेटर्स में लिखा है कि शिवराज सिंह चौहान ने एक सभा में कहा है कि ‘‘यदि आलोक शर्मा महापौर बनते हैं तो मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार नगर निगम को पैसों की कोई कमी नहीं होने देगी और भोपाल को देश का सबसे सुंदर शहर बनाने का मेरा सपना भी पूरा होगा।’’ इस कथन से साफ है कि यदि भाजपा का महापौर नहीं बनेगा तब कांग्रेस के महापौर को जानबूझ कर पैसों की कमी की जाऐगी।

श्री धनोपिया के मायने कुछ भी रहे हों परंतु इन पंक्तियों के साथ ही कांग्रेस ने अपनी कमजोरी प्रमाणित कर दी है। कांग्रेस ने बता दिया है कि उसमें भोपाल का विकास करने की दम नहीं है। वो शिवराज सिंह के एक बयान मात्र से डरी हुई है। पब्लिक नेताओं के बयानों का अपने तई निष्कर्ष निकालती है और प्रेसनोट में दर्ज इन पंक्तियों का निष्कर्ष यह भी निकलता है कि कांग्रेस को यदि जिता भी दिया गया तो वो राज्य में भाजपा की सरकार होने के कारण विकास नहीं कर पाएगी। उसके पास इतनी ताकत भी नहीं है कि अपने हक का बजट सरकार से छीनकर ला सके। इस तरह कांग्रेस को मिलने वाले वोट भी नहीं मिलेंगे। अब जबकि एक एक वोट जरूरी है, तब...। 

बेहतर होता, श्री धनौपिया सीएम को चुनौती देते हुए दावा करते कि 'सीएम में जितना दम हो पक्षपात कर लें, यदि कांग्रेस का महापौर बना तो विकास की गति को रोक नहीं पाएंगे।' परंतु खेद है कि इस प्रेसरिलीज में ऐसा कुछ भी नहीं लिखा।

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