6 साल बाद फिर माघ पूर्णिमा, पुष्य नक्षत्र और रवि योग का त्रिवेणी संयोग बना है। इस दिन लाखों लोग तीर्थ स्थलों पर पवित्र नदियों में डुबकिया लगाएंगे। ललिता और रविदास जयंती भी होगी और होली के एक माह पहले होली का डांडा गली, चौराहों पर गाड़ा जाएगा।
ज्योतिषियों के मुताबिक 3 फरवरी मंगलवार को माघ पूर्णिमा दिवस पर्यंत रहेगी। पुष्य नक्षत्र सुबह 7 से रात 8 बजे तक 13 घंटे रहेगा। मंगलकारी रवि योग भी सूर्योदय से दोपहर 12.37 तक होगा। पं. ओम वशिष्ठ के अनुसार इस दिन माघ स्नान का समापन होता है। मान्यता है कि इस दिन देव भी स्नान के लिए धरती पर आते हैं। ज्योतिषाचार्य देवेंद्र कुशवाह के अनुसार माघ पू्र्णिमा, पुष्य नक्षत्र और रवि योग का त्रिवेणी संयोग 6 साल बाद बन रहा है। इससे पहले यह संयोग 2009 में बना था।
होलाष्टक 26 से होली 5 मार्च को
काली मंदिर खजराना के श्यामजी बापू के अनुसार इस बार माघ पूर्णिमा के दिन पुष्य नक्षत्र आना मंगलकारी योग है। पुष्य नक्षत्र में चंद्रमा कर्क राशि में स्थित होता है। इस दिन किए गए कार्य में सफलता प्राप्त होती है। 26 फरवरी से होलाष्टक लगेगा। मांगलिक कार्यों पर विराम लगेगा। 5 होलिका दहन 5 मार्च को होगा।