बुरहानपुर में 17 महीने का मासूम डेंगू बुखार का शिकार

बुरहानपुर। खड़कोद के 17 महीने के उमेश नगीन को जलगांव के डॉक्टरों ने डेंगू होने की पुष्टि की है। उसकी प्लेटलेट्स घटकर 18 हजार तक पहुंच गई है। परिजन ने कुछ दिन जलगांव के दो अस्पतालों में इलाज कराया। शुक्रवार को उसे बुरहानपुर के जिला अस्पताल लाया गया। यहां डॉक्टरों के रवैए के कारण परिजन परेशान होते रहे।

परिजन चाहते थे कि जिला अस्पताल से डॉक्टर उमेश को इंदौर रैफर करे लेकिन डॉक्टर इसे अपनी जिम्मेदारी नहीं बताते हुए टालमटोली करते रहे। तीन घंटे बाद जननी एक्सप्रेस से उमेश को इंदौर रैफर किया गया। उमेश 20 दिन पहले बीमार हुआ था। कमजोरी के कारण परिजन ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया।

यहां उसे डायरिया होने पर परिजन बेहतर इलाज के लिए उसे जलगांव ले गए। यहां के दो अलग-अलग अस्पताल में उसका इलाज चला। जांच में डॉक्टरों ने उसे डेंगू होने की पुष्टि की। कमजोरी के कारण उसकी प्लेटलेट्स 18 हजार तक पहुंच गई। जलगांव के डॉक्टरों ने उसे इंदौर रैफर कर दिया। यहां से परिजन उमेश को बुरहानपुर के जिला अस्पताल लाए। वे जिला अस्पताल के माध्यम से बेटे को इंदौर रैफर करना चाह रहे थे। परिजन ने बताया उमेश को शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. राकेश चौकसे के पास ले गए।

उन्होंने रैफर करने से यह कहकर इनकार कर दिया कि मेरे पास चार्ज नहीं है। इसके बाद उमेश को डाॅ. बीडी गट्‌टानी के पास ले गए। करीब दो घंटे तक परिजन परेशान हुए। मिन्नतों के बाद डॉक्टरों ने उसे इंदौर रैफर किया। सिविल सर्जन डॉ. केएम गुप्ता ने वाहन की व्यवस्था करने से इनकार कर दिया। परिजन ने जनप्रतिनिधियों से बात कर अस्पताल से जननी एक्सप्रेस की व्यवस्था कराई। इसके बाद उमेश को इंदौर ले गए।

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