शिवपुरी के RTI activist ने मांगी ऐसी जानकारी जो कोई नहीं दे पाया

भोपाल। सूचना के अधिकार के क्रियान्वयन के लिए 2005 में गठित मप्र राज्य सूचना आयोग में सूचना मांगने का अब तक सबसे अनूठा मामला सामने आया है। इसमें शिवपुरी के अपीलार्थी मनोज सिंह भदौरिया ने आजादी के बाद से अब तक किए गए भू अर्जन की अति विस्तृत दस्तावेजी जानकारी चाही है। भूमि अधिग्रहण से जुड़े 7 बिंदुओं की हजारों पृष्ठों की प्रमाणित प्रतिलिपियां मांगने का यह प्रकरण लोक सूचना अधिकारी (पीआईओ) तथा प्रथम अपीलीय अधिकारी (एओ) से होता हुआ आयोग तक पहुंचा है।

राज्य सूचना आयुक्त आत्मदीप ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए अपीलार्थी को एक आवेदन में अत्यंत लंबी अवधि की इतनी वृहदाकार जानकारी मांगने से बचने की नसीहत दी है। साथ ही अपीलार्थी को निर्देशित किया है कि यदि वे वास्तव में जानकारी प्राप्त करने के इच्छुक हैं, तो संबंधित भूअर्जन कार्यालय में उपस्थित होकर उपलब्ध अभिलेखों का नियमानुसार अवलोकन करें। तत्पश्चात पीआईओ के सामने लिखित रूप से स्पष्ट करें कि किन-किन अभिलेखों की प्रतियां चाहिए।

इसके बाद वांछित शुल्क जमा कराकर चाहे गए अभिलेख प्राप्त करें। आयुक्त ने पीआईओ को आदेशित किया है कि अपीलार्थी के उपरोक्त निर्देश का पालन करने पर शुल्क जमा कराए जाने की तिथि से 15 दिन के भीतर वांछित नकलें अपीलार्थी को प्रदाय कर आयोग के समक्ष पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करें।

पीआईओ ने आयोग को बताया कि अपीलार्थी को सूचित किया गया था कि उनके द्वारा चाहे गए 1947 से 2011 तक के विस्तृत अभिलेख कार्यालय में उपलब्ध नहीं हैं। अपीलार्थी ने यह भी स्पष्ट नहीं किया है कि किन प्रकरण विशेष की भूअर्जन संबंधी जानकारी चाहते हैं। अपीलार्थी से कहा गया कि वे भूअर्जन कार्यालय आकर संबंधित रिकार्ड का अवलोकन कर सकते हैं और जो अभिलेख चाहते हैं उनके बारे में स्थिति स्पष्ट कर सकते हैं लेकिन अपीलार्थी ने रिकार्ड का अवलोकन करने से इंकार कर दिया और चाही गई जानकारी की प्रमाणित प्रतियां उपलब्ध कराने पर जोर दिया। चाही गई जानकारी लगभग 64 वर्षों की दीर्घावधि की तथा वृहद स्वरूप की होने के कारण प्रदाय करना व्यवहारिक रूप से संभव नहीं है।

एओ द्वारा पारित आदेश में कहा गया कि अपीलार्थी को अभिलेख अवलोकन का मौका देने के बाद यह भी सूचित किया जा चुका है कि आपके द्वारा स्वनिर्मित प्रारूप में चाही गई सूचना देना इसलिए संभव नहीं है, क्योंकि सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी संकलित व सृजित कर देने का प्रावधान नहीं है। राज्य सूचना आयुक्त आत्मदीप ने पीआईओ व एओ के अपील उत्तर को स्वीकार करते हुए अपील निराकृत कर दी।

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