शुद्ध नहीं रहा मुरैना का सरसों तेल: मिलों में ही हो रही है मिलावटखोरी

shailendra gupta
जगदीश शुक्ला/मुरैना। जिले के तेल मिल मालिकों द्वारा अधिक मुनाफा पाने के लालच में खाद्य तेलों में अखाद्य तेलों की मिलावट कर आम आदमी की सेहत से खिलबाड़ किया जा रहा है। सरसों तेल में अरण्डी, रेपसीड एवं अन्य घटिया तेलों की मिलावट कर उन्हें मंहगे दामों पर उपभोक्ताओं को बेचकर तेल मिल मालिकों की जेबें तो मोटी होती जा रहीं हैं, लेकिन मिलावटी तेलों को जनजीवन पर विपरीत असर पड़ रहा है। हैरानी इस बात की है कि मिलीभगत के चलते प्रशासन एवं खाद्य विभाग का अमला भी हाथ पर हाथ रखे बैठा है।

जानकारी के अनुसार जिले में सरसों का अच्छा उत्पादन होने के कारण जिले में बहुतायत से तेल मिल लगे हुए हैं। कस्बाई स्तर से लेकर जिला मुख्यालय एवं गांवों तक में तेल मिल स्थापित हैं। बदलते समय में ब्यापारियों ने मेहनत के बजाय मिलावटखोरी के माध्यम से मोटा मुनाफा कमाने का रास्ता अपना लिया है। छोटे तेल मिल मालिक भले ही छोटे स्तर पर मिलावट खोरी के कम अवसर होने के कारण उनके मिल बंद होने के कगार पर आ चुके हैं,लेकिन बड़े तेल मिल मालिक मिलावटखोरी को कारोबार की सफलता के मंत्र के रूप में स्वीकार कर चुके हैं,यही बजह है कि जिले में सरसों के तेल में मिलावट के लिये राईस ब्रान के टेंकर के टेंकर खपाने के किस्से जोरों पर हैं। 

जानकार सूत्रों का कहना है कि वर्तमान में राईस ब्रान के भाव सरसों तेल से अधिक होने के कारण अब सरसों तेल में रेपसीड एवं अरण्डी का घटिया क्वालिटी का अखाद्य तेल खुलेआम तेल मिल मालिकों द्वारा मिलाया जा रहा है। सूत्र बताते है कि इन दिनों सरसों तेल में रेपसीड ऑयल मिलावट का धंधा जोरों पर चल रहा है। प्रशासन एवं खाद्य अधिकारी मामले की जानकारी होने के बावजूद मिलावट खोरी की कोई शिकायत नहीं मिलने की बात कहकर मामले को टाल देते हैं। बताया जाता है कि खाद्य विभाग के निरीक्षक तेल मिल मालिकों से मिली भगत के कारण कार्यवाही करने के लिये शिकायत मिलने की प्रतीक्षा करते रहते हैं। जबकि तेल मिल मालिकों द्वारा सरेआम रेपसीड एवं अन्य अखाद्य तेलों का खुलेआम आयात कर उसकी सरसों के तेल में जमकर मिलावट की जा रही है।

खुलेआम बिक रहा है बगैर पैकिंग का सामान
जिलेभर में आम लोगों की सुरक्षा के लिये बनाये गये नये खाद्य अधिनियम के प्रावधानों का भी खुलेआम उल्लंघन दुकानदारों द्वारा किया जा रहा है। बताया जाता है कि नये खाद्य अधिनियम में बाजार में आम उपभोक्ता की सेहत का ध्यान रखते हुए किसी प्रकार की खाद्य  सामग्री बगैर पैकिंग के बिक्री करना प्रतिबंधित किया गया है,लेकिन जिलेभर में देखने पर कहीं भी अधिनियम के इस प्रावधान का पालन होता नहीं दिख रहा है। नवीन खाद्य अधिनियम के प्रावधानों को धता बताते हुए जिलेभर में बगैर पैकिंग की खाद्य सामग्री खुलेआम बेची जा रही है।

श्रम नियमों का भी हो रहा है उल्लंघन
जिले की बड़ी औद्योगिक इकाईयों में श्रम नियमों का भी खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है। जानकारी सूत्र बताते हैं कि जिले की कुछ बड़े तेल मिलों में श्रमिकों से निर्धारित समय से अधिक काम लेकर उन्हें न्यूनतम मजदूरी भी नहीं दी जा रही है। यही नहीं जिले के कई तेल मिलों में श्रमिकों के लिये तय सुरक्षा मानकों की भी गंभीर अनदेखी की जा रही है। इस कारण इन इकाईयों में कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना भी संभावित है।

राजनैतिक संरक्षण में चल रहा है मिलावट का खेल
तेल मिल मालिकों द्वारा मिलावटखोरी के खेल को राजनैतिक संरक्षण होने की बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। बताया जाता है कि जिले के एक अब्बल मिलावटखोर तेल मिल मालिक कीे सत्तारूड़ पार्टी में गहरी राजनैतिक पैठ है। सामाजिक एकता के नाम पर यह ब्यापारी नेता प्रशासन एवं खाद्य अमले पर अपने राजनैतिक रसूख का उपयोग कर मिलावट खोर कारोबारियों के खिलाफ प्रभावी कार्यवाही नहीं होने देता है।

क्या कहते हैं अधिकारी
जुलाई अगस्त माह में शहर के चार-पांच बड़े तेल मिलों के सेम्पल लिये गये थे,जो जांच में अमानक पाये गये। कलैक्टर महोदय के निर्देशों पर विभाग की ओर से समय-समय पर कार्यवाही की जाती है। बगैर पैकिंग के सामान बिक्री के लिये ब्यापारियों को एक बर्ष की मोहलत दी गई है,यह समय सीमा शायद फरवरी माह में पूरी हो जायेगी उसके बाद नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।
अवनीश गुप्ता
खाद्य निरीक्षक मुरैना

शीघ्र शुरू होगी कार्यवाही
तेल मिलों में मिलावटखोरी की शिकायतें प्रशासन को मिल रहीं हैं। आम आदमी की सेहत से खिलवाड़ करने बाले तेल मिल मालिकों को बख्सा नहीं जायेगा। मिलावट खोर तेल मिल मालिकों के खिलाफ शीघ्र कार्यवाही की जायेगी।
विवेक सिंह
एडीएम मुरैना

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