इस पर तो राजनीति छोडिये

राकेश दुबे@प्रतिदिन। अब सांसद आदर्श ग्राम योजना पर राजनीति शुरू हो गई है| राहुल बाबा को जहाँ योजना में खामियां नजर आ रही है| वहीं ममता बनर्जी ने इसे नज़रंदाज़ करने का फरमान जारी कर दिया है पश्चिम बंगाल के 42 लोकसभा और 16 राज्यसभा सांसदों में से सिर्फ दो ने ही इस योजना के लिए गांव गोद लिए हैं। इनमें भाजपा के दो सांसदों में से एक एसएस अहलूवालिया हैं और दूसरे हैं तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुल्तान अहमद। अहमद अपनी पार्टी के इकलौते सांसद हैं जिन्होंने गांव गोद लिया है।

पश्चिम बंगाल से ठीक विपरीत कई बड़े राज्यों के सांसदों ने सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत गांव गोद लेने में फुर्ती दिखाई है। हरियाणा(13 सांसद), राजस्थान(), उत्तर प्रदेश(84), गुजरात(36), बिहार(47), असम(13), छत्तीसगढ़(13), केरल(28), महाराष्ट्र() और तमिलनाडु(44) में सांसदों द्वारा गांवों को गोद लेने की प्रक्रिया लगभग पूरी की है।

लोकसभा के 541 सांसदों में से 416 ने और राज्य सभा के 230 सांसदों में 130 ने इस योजना में भागिदारी की है| अब राजनीतिक कारणों को विकास से जोड़कर आम जनता के हित की अनदेखी का नया  सिलसिला शुओ रहा है| इससे साफ प्रतीत होता है कि देश के विकास में किसकी कितनी रूचि है| आज राहुल बाबा को उनके निर्वाचन क्षेत्र के गावों की संख्या याद आ रही है| पिछले कार्यकाल में क्या किया ? इसका जवाब बहुत से सांसदों के पास नहीं है| राजनीतिक दांवपेंच बंद करें| जनता सब जानती है|

लेखक श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।
संपर्क  9425022703
rakeshdubeyrsa@gmail.com


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