मराठा आरक्षण सुप्रीम कोर्ट में नामंजूर

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को महाराष्ट्र में मराठियों को 16 फीसद आरक्षण के फैसले पर रोक लगाने वाले बांबे हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ याचिका अस्वीकार कर दी। महाराष्ट्र सरकार ने मराठियों को नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में यह आरक्षण देने का फैसला किया था। बांबे हाई कोर्ट ने अंतरिम आदेश देते हुए इस फैसले पर रोक लगाई थी।

इस रोक के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार और अन्य पक्षों की याचिका नामंजूर करते हुए सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एचएल दत्तू की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि अभी सिर्फ अंतरिम आदेश दिया गया है। बांबे हाई कोर्ट को फैसला लेने दीजिए। कांग्रेस-राकांपा के गठबंधन वाली पूर्ववर्ती महाराष्ट्र सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले मराठियों को आरक्षण देने का यह फैसला लिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम हाई कोर्ट से अपील करते हैं कि इस मामले में यथासंभव शीघ्रता से फैसला करें। जब कोर्ट को यह बताया गया कि हाई कोर्ट की एकल पीठ ने अंतरिम आदेश में इस मसले पर अपना मत जता दिया है, तब सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि संबंधित न्यायाधीश अभी इस मसले पर सुनवाई करेंगे और हाई कोर्ट के अन्य न्यायाधीश भी इस याचिका पर सुनवाई करेंगे।

इससे पहले हाई कोर्ट ने सरकारी नौकरियों में मुस्लिमों को पांच फीसद आरक्षण देने के फैसले पर भी रोक लगाई थी। हालांकि शिक्षण संस्थानों में इस आरक्षण की इजाजत दी गई है।

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