ग्वालियर। लोकायुक्त जस्टिस पीपी नावलेकर ने सर्किट हाउस में पत्रकारों से चर्चा करते हुये बताया कि संगठन को प्रदेश के 11 मंत्रियों के खिलाफ शिकायतें प्राप्त हुई थीं, जिनमें जांच के बाद 8 आधारहीन निकलीं। बांकि पर कार्यवाही जारी है। उन्होंने कहा कि लोकायुक्त को छापामार कार्यवाही में जप्त अनुपातहीन सम्पत्ति को राजसात करने तथा किसी अधिकारी/कर्मचारी या संस्थान पर कार्यवाही के लिये सर्च वारंट जैसी शक्तियों से लैस करने की जरूरत है, इससे भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रभावी व त्वरित कार्यवाही होगी।
अभी संसाधन कम हैं, फिर भी बेहतर काम कर रहे हैं। उन्होंने मप्र सरकार से मांग की है तथा 923 मामले आभी भी जांच में हैं, कुल 2839 शिकायतें जांच में ली गईं। 1108 लोगों को रंगे हाथों रिश्वत लेते पकड़ा 169 छापों में 339 करोड़ की अवैध सम्पत्ति का पता लगाया। 852 मामलों में चालान पेश किये गये, 792 शिकायतों का निवारण किया।
उन्होंने कानून में सुधार की मांग भी सरकार से की है। पुराने कानून में विश्व विद्यालय कुलपति एवं रजिस्ट्रार को जांच के दायरे में ले सकते थे। नये कानून में ऐसा नही हैं, इसके लिये पत्र लिखा है। लोकायुक्त ने बताया कि शिकायत के साथ शपथ पत्र जरूरी नही हैं, शिकायत के साथ तथ्य होना चाहिए। परिवहन आयुक्त पीए सत्यप्रकाश शर्मा के संबंध में उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव को पत्र लिखा गया है कि सरकार कार्यवाही करे।
ऐसे कई मामले हैं जो स्वीकृति के नाम पर वर्षों से अटके हैं। पत्रकारों द्वारा लोकायुक्त संगठन पर सरकार का पक्ष लिये जाने के आरोपों पर कहा कि लोकायुक्त संगठन तथ्यों व सबूतों के आधार पर कार्यवाही करता है।