भोपाल। 'सब धान बाईस पसेरी' वाला काम नहीं चलेगा। लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जो अच्छा काम करेगा उसके गले में फूलों की माला डाली जाएगी। एक चपरासी भी यदि निष्ठा से काम करता है, तो वह सीएम के बराबर है। यही लोकतंत्र है, लेकिन जो आम आदमी को प्रक्रिया के मकड़जाल में उलझाने की कोशिश करें, उन्हें चलता करने की जरूरत है।
यह नसीहत बुधवार को मुख्यमंत्री शिवराजसिंह ने दी। वे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म दिन की पूर्व संध्या पर समन्वय भवन में आयोजित 'सुशासन दिवस समारोह' को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी, लोक सेवा प्रशासन मंत्री भूपेंद्रसिंह, सामान्य प्रशासन मंत्री लालसिंह आर्य, मुख्य सचिव एंटनी डिशा, डीजीपी सुरेंद्रसिंह आदि मौजूद थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक बात कभी न भूलें, जनता सुप्रीम है, हम उसके सेवक। यह बंगले, गाड़ी लाल बत्तियां सब जनता को बेहतर शासन देने के लिए हैं। आम आदमी की तकलीफ कम करने के लिए हमने जाति, निवास प्रमाण पत्र के लिए सेल्फ डिक्लियरेशन का आदेश दिया है। कई जगह यह लागू हो गया है, लेकिन कुछ लोग इसे नहीं मान रहे। ऐसे लोगों को चलता करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जो भी अधिकारी-कर्मचारी अच्छा काम करेगा उसके गले में फूलों की माला डालेंगे, लेकिन सब धान बाइस पसेरी नहीं होगा(गुण की उपेक्षा करके प्रत्येक वस्तु को एक जैसा समझना)। लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।
अटलजी के दर्शन करने के बाद आप के बीच आया हूं
मुख्यमंत्री ने कहा कि कल अटलजी का जन्मदिन है। अस्वस्थता के कारण वह काफी समय से सार्वजनिक जीवन से दूर हैं, लेकिन वे करोड़ों लोगों के दिल में बसे हैं। में उनके दर्शन करने के बाद आप के बीच आया हूं। यह गर्व की बात है कि अटलजी को भारत रत्न मिला। वह ग्वालियर, विदिशा से सांसद रहे हैं। उनका लंबा राजनीतिक जीवन मध्यप्रदेश में बीता है। पूर्व में सीएम ने लोगों को सुशासन की शपथ दिलाई। लोकसेवा प्रशासन मंत्री भूपेंद्रसिंह ने कहा कि लोकसेवा गारंटी अधिनियम के लागू होने बाद काम-काज में पारदर्शिता के साथ ही लोगों का विश्वास भी बढ़ा है। यह सुशासन का ही नतीजा है कि प्रदेश बीमारू राज्य के कलंक से निकलकर देश के विकसित 5 राज्यों में शुमार हो गया है। शुरूआत में मुख्य सचिव एंटनी डिशा ने कहा कि अटलजी के दिखाए पथ पर जनकल्याणकारी योजनाओं के जरिए पहल की गई है। सुशासन एक निरंतर प्रयास है। इस मौके पर उत्कृष्ट कार्य करने वाले अफसरों को मुख्यमंत्री ने सुशील चंद्र वर्मा स्मृति अवार्ड से पुरुस्कृत किया।
मनाया पर जोशी नहीं गए मंच पर
समारोह में मुख्यमंत्री चौहान करीब 5 मिनट तक मंच पर अकेले बैठे रहे। इस दौरान पूर्व सांसद कैलाश जोशी सामने दर्शक दीर्घा में बैठे थे। उन्हें लेने के लिए मंत्री भूपेंद्र सिंह, लाल सिंह आर्य व सांसद संजर उन्हें लेने पहुंचे। उन्होंने उनसे मंच पर चलने का आग्रह किया, लेकिन जोशी नहीं माने। पुरस्कार वितरण के दौरान वे कार्यक्रम स्थल से चले गए।