भोपाल। एटीएम या क्रेडिट कार्डधारियों से ठगी का सिलसिला नहीं थम रहा है। सायबर सेल में बीते एक सप्ताह में इस तरह की तीन शिकायतें आई हैं, जिनमें पीड़ितों से करीब सवा लाख रुपए ठग लिए गए। इनमें से दो मामले राजधानी के हैं। अज्ञात व्यक्ति ने उन्हें फोन किया। खुद को बैंक का अफसर बताया। उनके एटीएम या क्रेडिट कार्ड का पिन लिया। फिर उनके खाते से ऑनलाइन खरीदारी कर ली।
सायबर विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे हालात में ऑनलाइन शॉपिंग के लिए वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) का इस्तेमाल करना ज्यादा सुरक्षित रहेगा। सायबर सेल में एडीजी अशोक दोहरे के मुताबिक ऑनलाइन शॉपिंग के लिए परमानेंट पिन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
खाताधारी को चाहिए कि वह संबंधित क्रेडिट कार्ड कंपनी से वन टाइम पासवर्ड लें, ताकि हर बार शॉपिंग के कुछ देर बाद वह पासवर्ड रद्द हो जाए। ऑनलाइन खरीदारी में हुई गड़बड़ी के बढ़ते मामलों में ज्यादातर लोगों को परमानेंट पिन हासिल कर ही ठगा गया है।
लोगों से एटीएम कार्ड की लिमिट बढ़ाने या क्रेडिट कार्ड को रीचार्ज करने के नाम पर पिन पूछ लिया गया। हाल ही में दतिया की एक बुजुर्ग महिला को इसी तरह ठग लिया गया। जालसाजों ने फोन कर उनके क्रेडिट कार्ड का परमानेंट पिन हासिल कर लिया। इसके बाद उनके खाते से कई बार में हजारों रुपए की खरीदारी भी कर ली।
एचटीटीपीएस वाली साइट्स हैं सुरक्षित
जानकारों का कहना है कि ऑनलाइन शॉपिंग या बिलिंग की सुविधा देने वाली जिन वेबसाइट्स पर हाइपर टैक्स ट्रांसफर प्रोटोकॉल सिक्योर (एचटीटीपीएस) लिखा हो, वे ज्यादा सुरक्षित होती हैं। इनमें वेबसाइट कंपनी सुरक्षा मापदंडों का ख्याल रखती है। साथ ही इनमें फीड की जाने वाली आपकी डीटेल भी केवल कंपनी तक ही सीमित रहती है। इसके उलट केवल एचटीटीपी शो करने वाली वेबसाइट्स में ऐसा नहीं होता।
सेमिनार में पुलिस अफसरों को दी ट्रेनिंग
मप्र पुलिस की सायबर सेल में सायबर क्राइम पर शुक्रवार से शुरू हुआ सेमिनार रविवार को समाप्त हो गया। इसमें आखिरी दिन आरोपी के कंप्यूटर से वॉलेटाइल मेमोरी हासिल करने पर चर्चा हुई। यहां प्रदेश के 26 पुलिस अफसरों को सायबर क्राइम के बारे में ट्रेनिंग दी गई।
रविवार को सेमिनार में बताया गया कि आरोपी के कंप्यूटर से जानकारी हासिल करने के बाद उसे कैसे बंद किया जाए, ताकि विवेचना में कोई परेशानी न हो। सेमिनार में डीजीपी सुरेंद्र सिंह भी पहुंचे।
एडीजी के मुताबिक ट्रेनिंग में आए सभी अफसरों को सीडीआर एनालिसिस के लिए तैयार किए गए सॉफ्टवेयर भी दिए गए। उन्होंने अफसरों से इस बात पर विचार-विमर्श किया कि इस तरह के और आयोजन किए जाने की कितनी जरूरत है।
ऐसे रखें सावधानी
> एचटीटीपीएस वेबसाइट पर ही करें क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल
> क्रेडिट कार्ड के पिछले हिस्से में लिखे सीवीवी नंबर को डायरी में नोट करें, कार्ड से मिटा दें।
> किसी के सामने नेट या मोबाइल बैंकिंग का इस्तेमाल न करें।
> फोन पर किसी को भी अपने खाते, पासवर्ड, कार्ड नंबर या पिन की जानकारी न दें। ऐसा कॉल आने पर अपने बैंक को इसकी सूचना दें।