भोपाल। अपने बच्चों के अच्छे भविष्य और एक अदद सरकारी नौकरी के लिए लोग क्या क्या कर जाते हैं आप कल्पना भी नहीं कर सकते। अपने बेटे की सरकारी नौकरी के लिए एक महिला भोपाल के ऐसे जालसाज के जाल में जा फंसी जिसने उसका कई बार दैहिक शोषण किया और बेटे की नौकरी भी नहीं लगवाई।
बच्चों की नौकरी के लिए रिश्वत में क्या क्या दिया जा रहा है इसकी एक बानगी तो व्यापमं घोटाले में भी सामने आ चुकी है। ताजा मामले में रेलवे में बेटे को नौकरी दिलाने का झांसा देकर एक महिला के साथ ज्यादती का मामला सामने आया है। आरोप है कि रेल मंडल के एक सस्पेंडेड कर्मचारी ने महिला को चाय में नशीली दवा मिलाकर अशोका गार्डन स्थित एक होटल में वारदात को अंजाम दिया।
एसआई सीएस दुबे के मुताबिक जनवरी 2014 में 39 वर्षीय महिला की मुलाकात मूलत: मधुबनी, बिहार निवासी 40 वर्षीय सच्चिदानंद मिश्रा से हुई थी। सच्चिदानंद रेलवे में चतुर्थ श्रेणी का कर्मचारी है और इन दिनों सस्पेंड है।
आरोपी ने महिला को झांसा दिया था कि उसके बेटे की रेलवे में नौकरी लगवा देगा। झांसे में आई महिला को उसने 27 जनवरी को अशोका गार्डन स्थित होटल मनप्रीत में बेटे के कागजात लेकर बुलाया। दो दिन बाद उसने दोबारा महिला को होटल में बुलवाया।
आरोप है कि उसने चाय में बेहोशी की दवा मिलाकर महिला को पिला दी। बेहोशी की हालत में आरोपी ने उसके साथ ज्यादती की। होश में आने पर महिला ने विरोध किया तो उसने धमकाना शुरू कर दिया।
फिर वह महिला को अपने साथ बिहार भी ले गया और अलग-अलग स्थानों पर उसके साथ ज्यादती की। परेशान हो चुकी महिला ने पिपलानी पुलिस से इसकी शिकायत की। पुलिस ने शून्य पर मामला दर्ज कर घटनास्थल होटल का होने के नाते केस डायरी अशोका गार्डन थाने भेज दी है।
विषय यह नहीं है कि वो जालसाज कौन था और कितना निर्लज्ज था। विषय तो यह है कि सरकारी दफ्तरों में पद खाली पड़े हैं और सरकारी नौकरियां नहीं दे रही है। इधर एक अदद नौकरी के लिए मां बाप क्या क्या नहीं कर रहे हैं। इस मामले में फेलियर पुलिस से ज्यादा सरकार का है जो युवाओं का भविष्य सुरक्षित करने में पूरी तरह से नाकाम साबित हो रही है।