भोपाल। ग्वालियर की धरती से कम से कम यह उम्मीद तो कतई नहीं थी। यहां आन बान शान के लिए बगावत करने वाले बागियों की कहानियां भरी पड़ीं हैं लेकिन महिला की आबरू पर हमला करने की घटनाएं देश में सबसे ज्यादा यहां होंगी कभी किसी ने सोचा भी ना होगा।
ताजा आंकड़े मप्र को अलर्ट करने वाले हैं। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, महिलाओं के लिए देश में ग्वालियर सबसे अधिक असुरक्षित माना गया है।
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के ताजा आंकड़े मध्य प्रदेश का सिर शर्म से झुका देने के लिए काफी हैं। आंकड़ों के मुताबिक, देश में ग्वालियर महिलाओं के लिए सबसे अधिक असुरक्षित माना गया है। यहां रेप और छेड़छाड़ के 73.9% मामले सामने आए हैं।
मप्र के तीन शहर शर्मनाक-जोन में
यह आंकड़े मप्र में महिलाआें की सुरक्षा को लेकर सरकारी और सामाजिक प्रयासों की हकीकत बयां करते हैं। ग्वालियर ने तो शर्म से सिर झुका दिया। वहीं संस्कारधानी कहे जाने वाले जबलपुर और राजधानी भोपाल में भी महिलाएं ज्यादा सुरक्षित नहीं है।
यह है ताजा आंकड़ा
(% में, प्रति लाख जनसंख्या पर)
शहर/ प्रतिशत
ग्वालियर 73.9
दिल्ली 59.5
जबलपुर 51.2
दुर्ग-भिलाईनगर 50.4
भोपाल 48.8
श्रीनगर 48.3
रायपुर 47.1
कोलम 45.2
त्रिपुरम 40.5
विजयवाड़ा 40.1
मप्र में निर्भया पेट्राेलिंग
मप्र में 16 दिसंबर 2013 से निर्भया सेल बनाई गई थी। यानी 50 जिलों में निर्भया की पेट्रोलिंग टीम इस समय काम कर रही है। मध्य प्रदेश देश का एक ऐसा राज्य है, जहां सबसे पहले राज्य स्तर पर महिला नीति तैयार कर क्रियान्वित की गई है। यहां सरकार द्वारा बालिकाओं के जन्म से लेकर विवाह तक के लिए कई सारी योजनायें चलाई जा रही हैं।
इतना कुछ होने के बावजूद महिलाओं और किशोरियों के खिलाफ अपराध का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है। इस साल के प्रदेश में रेप केस के जो आंकडे आए हैं, उससे प्रदेश में महिला सुरक्षा को लेकर सवाल खडे़ हो गए हैं।
इनका तर्क सुनिए
निर्भया मोबाइल के बाद भी प्रदेश में बढ़ रहे रेप केस पर जब अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एम अरुणा मोहन राव से बात की तो वे बोलीं-'निर्भया मोबाइल चलाने का उद्देश्य कॉलेज और पार्कों में छेडखानी रोकना है। इससे रेप केस में कमी नहीं आ सकती। वैसे भी मप्र में रेप केस पहले दर्ज किए जाते हैं और उसके बाद उसकी जांच की जाती है। इसलिए मप्र की ऐसी स्थिति बन रही है।'
भोपाल का हाल
भोपाल में 16 दिसंबर 2013 से निर्भया मोबाइल पेट्रोलिंग शुरू हुई। इसमें नार्थ भोपाल में नमिता साहू और साउथ के लिए सीमा राय को प्रभारी बनाया गया था। साउथ मोबाइल का काम एक महीने चलने के बाद ही बंद हो गया। अब भोपाल के लिए एक ही निर्भया गाड़ी चल रही है, जिसे नमिता साहू देख रही हैं। मोबाइल गाडी सुबह 8 से तीन और शाम 4 से रात 10 बजे तक गश्त पर रहती है। निर्भया मोबाइल के पास 1 साल में 3 हजार के करीब छेड़खानी, अश्लील हरकतों की शिकायतें आईं जिनमें से ज्यादातर पर कार्रवाई की गई।